एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
अपहरण और बलात्कार के बाद तीन माह की बच्ची की बेरहमी से हत्या के जुर्म में 26 वर्षीय शख्स को इंदौर की एक जिला अदालत ने आज फांसी की सजा देदी है।
समाज को शर्मसार करने वाले इस काण्ड में पुलिस ने बेहद तेजी से जांच पूरी की और आरोप पत्र पेश किये जाने के बाद अदालत ने हर रोज सुनवाई करते हुए वारदात के महज 22 दिन के अंदर अपना फैसला सुना दिया।
अपर सत्र न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने मामले को विरल से भी विरलतम प्रकरण की श्रेणी में रखते हुए नवीन गाड़के को मृत्युदंड सुनाया, उसे दंड विधि अधिनियम 2013 के तहत अस्तित्व में आई भारतीय दंड विधान धारा 376 (ए) (बलात्कार के दौरान आई चोटों से पीड़ित की मृत्यु) और इसी विधान की धारा 302 (हत्या) के तहत सजा-ए-मौत सुनायी गई।
अदालत ने अपने 51 पेज के फैसले में टिप्पणी किया कि, मुजरिम ने जिस जघन्य और वीभत्स तरीके से क्रूरतापूर्ण और जंगली कृत्य किया है, इसे देखते हुए यह शख्स समाज में गैंगरीन जैसे रोग की तरह है।
जिस तरह चिकित्सक द्वारा किसी रोगी के शरीर के गैंगरीन प्रभावित हिस्से को ऑपरेशन के जरिए अलग कर दिया जाता है, उसी तरह ऐसे अपराधी से समाज को बचाने के लिये उसे समाज से बिल्कुल अलग करना आवश्यक है।
जिला अभियोजन अधिकारी अकरम शेख ने बताया कि पुलिस के गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने वारदात के सात दिन के भीतर तहकीकात पूरी कर 27 अप्रैल को अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया था। मामले में 28 अप्रैल को आरोप तय कर दिए गए थे।