एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
जम्मू-कश्मीर में इन दिनों सेना के अधिकारी उन नौजवानों के परिजनों से मिल रहे हैं जो आतंकियों के बहकावे में आकर आतंक के रास्ते पर निकल पड़े हैं, इसी कोशिश के तहत सेना के कुछ अधिकारी घाटी के एक परिवार से मिलने के लिए गये थे।
सेना के अधिकारी आतंकी बन चुके युवक के पिता को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वह अपने बेटे को सरेंडर के लिए राजी करे, सेना के अधिकारियों ने समझाया कि आंतक के रास्ते में कुछ नहीं रखा है, वे घर लौट आयें।
सेना के अधिकारी के समझाने पर आतंकी के पिता का जवाब था कि ‘सरेंड कौन करता है। जो एक बार निकल गया वह वापस कहां आता है, जिस पर सेना के अधिकारी ने समझाते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तब हम आपको बुलाएंगे।
सेना ने कहा, आपको पूरा मौका देंगे कि आप अपने बेटे को समझाकर सरेंडर करने के लिए तैयार करें, सेना के अधिकारियों और आतंकी के पिता के बीच यह संवाद चल ही रहा था, तभी आतंकी की पत्नी संवाद के बीच में आ गई।
आतंकी की पत्नी का रुख बेहद तीखा था। आतंकी की पत्नी ने सेना के अधिकारी से सीधा सवाल किया, आपका क्या मतलब है, आप हमें क्यूं बुलाएंगे?
इस पर सेना के अधिकारी ने कहा, हम आपको इसलिए बुलाएंगे, क्योंकि हो सकता है वह कभी किसी घर में फंस जाए।तब हम आपको बुलाएंगे ताकि आप उसे समझा सको।
फिर पत्नी ने बेहद तीखा जवाब देते हुए कहा कि, हम नहीं बोलेंगे उसे सरेंड करने के लिए, अगर वह जिंदा वापस आ भी जाए तो मै खुद उसको अपने हाथों से मौत के घाट उतार दूंगी।
आतंकी की पत्नी के इस तीखे तेवर ने एक बार सेना के अधिकारियों को भी चौंका दिया। सेना के अधिकारियों ने धैर्य दिखाते हुए कहा कि, घर का बच्चा है, घर वापस आ जाए इससे अच्छी क्या बात हो सकती है।
आतंकी की पत्नी ने फिर तुरंत कहा, हमें क्या जरूरत है उसकी, हम क्यूं उसको वापस बुलाएं, हमें कोई जरूरत नहीं हैं उसकी, सेना के अकारियों ने अपनी कोशिश जारी रखी।
आतंकी की पत्नी ने फिर जवाब दिया न ही लड़ाई हुई है और न ही कोई झगड़ा, उन्होंने जो भी किया, जैसे भी किया, मुझे पता नहीं, वह किसी को बताए बिना अपनी मर्जी से चले गए हैं।
उन्हें लग रहा है कि अच्छा किया है तो अच्छा ही किया होगा, अब हमें क्या लेना-देना है, अब हम उनका मुंह नहीं देखना चाहते हैं, हम उनका मुंह उसी दिन देखेंगे जब उनकी लाश इस घर में आएगी, अब इतना ये जवाब सुनने के बाद सेना के अधिकारी वापस आ गये।।