एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड में गोलियां चलाने वाले 28 वर्षीय आरोपी सचिन अन्धूरे को सीबीआई क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है, वह औरंगाबाद के राजा बाजार में अपनी पत्नी और एक साल की बच्ची के साथ किराए के फ्लैट में रहता था।
सीबीआई की क्राइम ब्रांच टीम उसे ढूंढ़ती हुई वहां पहुंची थी, लेकिन वह घर पर नहीं मिला, उसके घरवालों ने बताया कि वह कपड़ों की दुकान पर सेल्समैन का काम करता है।
जानकारी के मुताबिक दाभोलकर हत्याकांड में सचिन के अलावा औरंगाबाद के जालना से एक और युवक को हिरासत में लिया गया है, बताया जाता है कि 20 अगस्त 2013 की सुबह अंजाम दी गई वारदात के दौरान बाइक पर पीछे बैठा सचिन पिस्टल से दाभोलकर पर गोलियां दाग रहा था, तब ये युवक ही उस बाइक को चला रहा था।
इस गिरफ्तारी पर ख़ुशी जाहिर करते हुए डॉक्टर नरेंद्र दाभोलकर के बेटे हमीद ने आजतक को बताया के डॉक्टर वीरेंद्र तावड़े की गिरफ्तारी के ढाई साल बाद ये गिरफ्तारी हुई है।
डॉ. दाभोलकर के साथ 1989 से अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति में काम करने वाले मिलिंद देशमुख ने आजतक को बताया के फॉरेंसिक लैब रिपोर्ट के मुताबिक दाभोलकर, कलबुर्गी और पानसरे इन तीनों पर एक ही पिस्तौल से गोलियां दागी गई थीं।
गौरी लंकेश के हत्या के मामले में जिन्हें गिरफ्तार किया गया, उनसे मिली जानकारी की मदद से एटीएस ने पिछले दिनों जो कार्रवाई की है, उसी से ये सुराग मिला और अब सीबीआई को इस आरोपी तक पहुंचने में कामयाबी मिली है।
मिलिंद ने बताया के दाभोलकर के हत्या के बाद से ही अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि हत्या उन्हीं लोगों ने की है, जिन्हें दाभोलकर का साइंटिफिक टेम्परामेंट का काम पसंद नहीं था, अगर जांच टीम शुरुआत से ही ऐसी विचारधारा के लोगों से पूछताछ करती तो पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्या टल सकती थी।