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पीएम नरेन्द्र मोदी जीएसटी बिल को लेकर तेज़ी से पहले करते नज़र आने लगे हैं. सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह को चाय पर बुलाकर उन्होंने काफी हद तक यह सन्देश दे दिया है कि जीएसटी बिल पर सबको साथ आना चाहिए. इस सिलसिले में उन्होंने संसद में स्पष्ट कहा भी कि सभी के साथ की आवश्यकता है, जिससे बिल पास हो सके.
प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में नरेन्द्र मोदी, सोनिया गाँधी और मनमोहन सिंह के अलावा संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू और वित्त मंत्रि अरुण जेटली भी शामिल थे. लगभग 45 मिनट तक चली बैठक के बाद अरुण जेटली ने बताया कि अपनी तीन प्रमुख मांगों को लेकर दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से चर्चा की. और प्रधानमंत्री ने भी अपना पक्ष रखा है. अब इसकी चर्चा पार्टी स्तर पर होगी जिसके बाद चर्चा सरकार के साथ की जाएगी.
दरअसल जीएसटी को लेकर कांग्रेस को सबसे बड़ी समस्या इसके दर को लेकर है. मौजूदा सरकार इसका दर 20-22 प्रतिशत रखना चाहती है जबकि कांग्रेस का कहना है कि जीएसटी की दर 16 से 18 प्रतिशत ही होनी चाहिए. साथ ही उत्पादक राज्यों के लिए 1 प्रतिशत के कर का प्रावधान और जीएसटी काउन्सिल में राज्यों के मत प्रतिशत बढ़ाने की मांग कांग्रेस ने की है. कांग्रेस की इस मांग पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी और पार्टी की राय भी स्पष्ट कर दी है.
हालाँकि याह भी स्पष्ट है कि बगैर कांग्रेस के सहयोग के बीजेपी राज्यसभा में जीएसटी बिल नहीं पारित कर सकती.