New Delhi। कर्नाटक में सत्ता संभालते ही Yeddyurappa सरकार ने फैसला लेते हुए कन्नड़ और संस्कृति विभाग को टीपू सुल्तान जयंती नहीं मनाने का आदेश दिया है। सोमवार को कैबिनेट मीटिंग में ये फैसला लिया गया।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कहा कि मैंने टीपू जयंती समारोह को शुरू किया था। मेरी नजर में टीपू सुल्तान पहला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी था। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। बीजेपी के लोग सेक्युलर नहीं है। हमें उम्मीद थी कि बीजेपी आएगी तो ये फैसला रद करेगी। हम इसका विरोध करेंगे। अभी कोई कैबिनेट में नहीं है। मुख्यमंत्री अकेले हैं और इस तरह का फैसला लिया है। ये सवाल रोशन बेग से भी पूछा जाना चाहिए जो कांग्रेस से पलटी मार के बीजेपी में गए हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री B।S।Yeddyurappa ने सोमवार को विधानसभा में ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया। विधानसभा अध्यक्ष के।आर रमेश कुमार ने सदन में घोषणा की, “Yeddyurappa ने ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव जीता है, ना के मुकाबले हां की संख्या ज्यादा रही। विपक्ष के नेता (सिद्धारमैया) द्वारा वोटों के विभाजन की मांग नहीं की गई, मैं प्रस्ताव को पारित घोषित करता हूं, यह सदन में उनका बहुमत साबित करता है।
इससे पहले Yeddyurappa ने सदन के पूर्वान्ह 11।05 बजे शुरू होने पर एक लाइन का विश्वास मत प्रस्ताव रखा। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें बिना चर्चा के विश्वास मत प्रस्ताव हासिल करने की इजाजत देने के बाद Yeddyurappa ने कहा, “मैं सदन में दोनों तरफ के सभी सदस्यों का समर्थन मांगते हुए प्रस्ताव रखता हूं और इसके पक्ष में सर्वसम्मति से वोट देने की अपील करता हूं।”