विकास कुमार तिवारी । Navpravah.com
आज पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे स्वर्गीय संजय गांधी की पुण्यतिथि है। कभी कांग्रेस के उत्तराधिकारी रहे स्वर्गीय संजय गांधी को आज उसी कांग्रेस ने केवल ट्वीट तक सीमित कर दिया है। आज ही के दिन संजय गांधी की प्लेन क्रैश में मृत्यु हो गई थी। ठीक 7 बजकर 58 मिनट पर उन्होंने प्लेन को टेक ऑफ करके 5,7 मिनट तक करतब दिखाए उसके कुछ ही देर मे प्लेन का इंजन बंद हो गया और नीचे देश की सबसे शक्तिशाली नेता इंदिरा के पुत्र संजय नहीं, बल्कि संजय का शव मिला था।
राजीव और संजय गाँधी दोनों को गति और मशीनों से गहरा लगाव था। एक ओर जहाँ राजीव विमानन नियमों का पालन करते थे, वहीं संजय विमान को कार की तरह चलाया करते थे, कलाबाज़ी करते थे। राजीव गांधी ने एक दिए हुए साक्षात्कार में कहा था कि संजय जोशीला इंसान था। उसे विमान चलाना अच्छा लगता था पर वह उसका अभ्यस्त नहीं था।
देश की सत्ता में कांग्रेस की बिखरती हुई बागडोर को संभाल कर संजय ने आपातकाल के बाद न बस कांग्रेस को ऊबारा था, बल्कि इंदिरा के अंदर भी संजय द्वारा तेजी से मुखर होकर कार्य करने के कारण जोश भरा था। आज उस कांग्रेस ने संजय को मात्र एक औपचारिकता मान लिया है। कांग्रेस अपना इतिहास भूल सकती है, पर संजय का किया गया योगदान कांग्रेस को हमेशा इतिहास में खींचेगा। वैसे कहा जाता है कि राजनीति में ना कोई अपना होता है और ना कोई पराया। जरुरत के हिसाब से यहां रिश्ते भी बदलते रहते हैं। संजय ही थे जिन्होंने कांग्रेस को युवाओं से जोड़ा था। संजय की भाषा में जोश था, वे प्रखर वक्ता थे। संजय केवल मेनिका गांधी के पति नहीं, कांग्रेस की ऊर्जा थे।