एनपी न्यूज़ डेस्क। Navpravah.com
व्यापम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में गुरुवार को चार्जशीट दाखिल करने के बाद कार्यवाही कल रात ढाई बजे तक चली। सीबीआई ने यहां प्री मेडिकल टेस्ट में अनियमितताओं के सिलसिले में 592 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
विशेष न्यायाधीश डी पी मिश्रा की अदालत में जिन आरोपियों की अग्रिम जमानत की याचिका खारिज की गयी है, अब उनके समक्ष हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला है। इन आरोपियों में निजी मेडिकल कालेज संचालक डॉ अजय गोयनका, सुरेश एन विजयवगीर्य, कैप्टन अंबरीश शर्मा, डॉ डी के सत्पथी, डॉ विजय कुमार पांडे और अन्य लोग शामिल हैं।
4 पूर्व अधिकारियों सहित 592 लोगों के नाम
यह चार्जशीट पीएमटी 2012 से जुडीं सरकारी और निजी मेडिकल कालेज की एमबीबीएस की तीन सौ से अधिक सीटों के विरूद्ध प्रवेश में गड़बड़ी से संबंधित हैं। अदालत ने गुरुवार को अदालत के समक्ष पेश नहीं होने वाले आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर व्यापम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने राज्य सरकार के तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा संचालक एस सी तिवारी, व्यापम के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी पंकज त्रिवेदी, तत्कालीन सीनियर सिस्टम एनालिस्ट नितिन मोहिन्द्र, तत्कालीन डिप्टी सिस्टम एनालिस्ट अजय कुमार सेन तथा तत्कालीन प्रोग्रामर सी के मिश्रा के खिलाफ भी आरोपपत्र पेश किया है।
इन निजी मेडिकल कॉलेजों पर आरोप है कि इन्होंने व्यापम अधिकारियों और बिचौलियों की मिलीभगत से राज्य सरकार के कोटे की सीटों की भी सेंधमारी की और कुल 292 ऐसे व्यक्तियों को प्रवेश दिया, जो पीएमटी परीक्षा में शामिल भी नहीं हुए थे।
ये सीटें 50 लाख से एक करोड़ रुपये में बेची गयीं थी, जांच एजेंसी ने ऐसे 292 व्यक्तियों के नामांकन में हेराफेरी का मामला राज्य सरकार को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजने का फैसला किया है।