अनुज हनुमत,
एक समय था जब क्रिकेट की दुनिया में आस्ट्रेलियाई टीम का अपना अलग खौफ हुआ करता था । मजबूत नेतृत्व , आक्रामक गेंदबाजी अटैक ,अनुभवी बल्लेबाज , चीते जैसे तेजी वाले क्षेत्ररक्षक ,कूल कोच वाली आस्ट्रेलियाई टीम ने क्रिकेट इतिहास में कई दशकों से लगातार एकक्षत्र राज्य स्थापित कर रखा था। लेकिन अक्सर ऐसा देखा जाता है कि एक अच्छे भविष्य के निर्माण के लिए वर्तमान किसी को भी एक ही स्थान पर ठहरने का मौक़ा नहीं देता । सबकुछ बदलता रहता है। जो क्षेत्र में कमजोर होगा, उसका समय ही उसे बर्बादी का जबरदस्त आइना दिखाता है। ऐसा ही कुछ हाल आस्ट्रेलियाई टीम का हो चला है।
पिछले कई सालों से टीम में वो मजबूती नहीं रही, जिसके लिए वो जानी जाती थी। इस साल तीसरी बार क्लीन स्वीप झेलने के बाद आस्ट्रेलियाई साम्राज्य धवस्त होता दिख रहा है । ऐसा भी नहीं है कि यह केवल ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ ही हो रहा है बल्कि सभी शीर्ष टीमें अब ‘घर का शेर’ बन चुकी हैं।
आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया टेस्ट मैच खेलने वाली अकेली ऐसी टीम थी जिसका वनडे सीरीज में कभी सफाया नहीं हुआ था, पर युवा कप्तान स्टीव स्मिथ की अगुवाई वाली कंगारु टीम का यह गुरूर साऊथ अफ्रीका ने बुधवार रात को सीरीज के पांचवें मैच में हराकर चकनाचूर कर दिया ।
अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति और भी स्पष्ट होती है । आस्ट्रेलियाई टीम ने विदेशी जमीन पर खेले गए पिछले 28 वनडे मैचों में से सिर्फ 14 मैच जीते और 13 हारे हैं । इनमें से दो हार तो कमजोर टीम आयरलैंड के खिलाफ हुई है। अगर आकड़ों के लिहाज से देखा जाये तो उसकी जीत का प्रतिशत सिर्फ 50 है।
अगर टेस्ट मैचों की बात करें तो यहाँ भी ऑस्ट्रेलिया का ऐसा ही बुरा हाल है। मौजूदा समय में टेस्ट रैंकिंग में तीसरे पायदान पर ठहरी आस्ट्रेलियाई टीम ने श्रीलंका के साथ हुई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज बुरी तरह गँवा दी थी। अभी हाल ही में भारतीय टीम ने भी आस्ट्रेलिया को उसी के घर में तीन टी ट्वेंटी मैचों की श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप किया था। यह पहला मौक़ा था, जब भारत ने आस्ट्रेलियाई टीम को उसी की धरती पर पूरी तरह रौंदा हो।
आकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारतीय टीम भी घर ही में शेर है । विदेशी धरती पर उसका रिकार्ड कुछ अच्छा नहीं है । पिछले डेढ़ साल में भारतीय टीम ने विदेशी धरती पर कुल 26 मैच खेले हैं, जिनमें से केवल 15 जीते और 10 हारें हैं । इन आंकड़ों के मुताबिक तो भारत का रिकार्ड अच्छा कहा जायेगा लेकिन सच्चाई यह है कि इसमें से सात मैच भारत ने जिम्बाबे के खिलाफ और एक एक मैच आयरलैंड और यूएई के खिलाफ खेलें हैं। इन नौ मैचों को अगर हटा दिया जाये तो भारतीय टीम ने भी करीब एक तिहाई मैच ही जीते हैं ।
बाक़ी शीर्ष टीमों पर नज़र डालें, तो उनका भी ऐसे ही बुरा हाल है। श्रीलंका, न्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान का भी रिकार्ड विदेशी धरती पर कुछ खास अच्छा नहीं है।
कुल मिलाकर अगर देखा जाये तो इन सभी शीर्ष टीमों का विदेशी धरती पर हालिया प्रदर्शन बहुत ही ख़राब रहा है, जिससे इतना तो स्पष्ट है कि सभी टीमें अपने घर में शेर हैं । लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब तक क्रिकेट इतिहास की सबसे मजबूत टीम रही आस्ट्रेलिया का मौजूदा बुरा हाल समझ से परे है । कहीं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का हाल वेस्टइंडीज के सरीखे तो नहीं हो जायेगा! अगर समय रहते इन शीर्ष टीमों ने अपने प्रदर्शन में ठोस बदलाव नहीं किये तो आने वाले समय में इन टीमों की इससे भी बुरी दशा देखने को मिल सकती है।