इंद्रकुमार विश्वकर्मा,
स्टार इंडियन बॉक्सर विजेंदर सिंह ने तंजानिया के फ्रांसिस चेका को सिर्फ 3 राउंड में ही धूल चटाते हुए डब्ल्यूबीओ एशिया पेसिफिक सुपर मिडिलवेट का खिताब अपने पास रखा। पहले दो राउंड में चेका ने आक्रामक तेवर दिखाए, लेकिन तीसरे राउंड में उनका दाँत टूट गया। रेफरी ने फाइट को बीच में ही रोकने का फैसला किया और इंडियन बॉक्सर को विजयी घोषित कर दिया।
पहला राउंड: चेका की आक्रामक शुरुआत
शनिवार रात 9.51 पर फाइट के पहले राउंड के लिए बेल बजते ही दोनों बॉक्सर एक-दूसरे पर टूट पड़े। इंडियन स्टार की अपेक्षा चेका कुछ ज्यादा ही अग्रेसिव दिखाई दिए। कुछ ही देर में विजेंदर डिफेंसिव मूड में आ गए, लेकिन चेका को अपनी चतुराई भरे पंचों से रूबरू कराते रहे।
दूसरा राउंड: रिंग में बनाया प्रेशर-
पहले राउंड में एग्रेसिव रहने वाले चेका दूसरे राउंड में पिटते दिखे। विजेंदर ने पहले तो उन्हें देसी स्टाइल में चिढ़ाया। इसके बाद जैसे ही चेका आगे बढ़े उन्हें एक के बाद एक लगातार 5-6 घूसे जड़ दिए।
विजेंदर ने इसी साल ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को मात देते हुए यह खिताब अपने नाम किया था। अब उनके सामने इसे बचाने की मुश्किल चुनौती है। तंजानिया के चेका के पास 43 मुकाबलों का अनुभव है, जिसमें से उन्होंने 32 में जीत हासिल की है। 34 साल के चेका इस समय अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीएफ) की सुपर मिडिलवेट डिवीजन में मौजूदा अफ्रीकन चैंपियन हैं।
चेका और विजेंदर का रिकॉर्ड-
महज 17 साल की उम्र में पेशेवर मुक्केबाजी की दुनिया में कदम रखने वाले चेका के पास 16 साल का अनुभव है। विजेंदर ने भारतीय मुक्केबाजी इतिहास में याद रखने लायक कई कारनामे किए हैं। हरियाणा के इस खिलाड़ी ने बीजिंग ओलंपिक-2008 में भारत को मुक्केबाजी में पहला पदक दिलाया था।