अनुज हनुमत,
लखनऊ। अब राज्य के वे विश्वविद्यालय जो छात्र संघ चुनाव कराने में आनाकानी करके बचने का प्रयास करते थे, उनकी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य विश्वविद्यालययों के सभी कुलपतियों को छात्र संघ चुनाव कराने के राज्य सरकार के फैसले का कड़ाई से पालन कराने का फरमान जारी कर दिया है। इस आदेश के बाद इतना तो स्पष्ट हो गया है कि राज्य विश्वविद्यालय अब छात्रसंघ चुनाव कराने में आनाकानी नही कर पाएंगे।
सरकार के इस फैसले के बाद कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि यह फैसला युवाओं को अगले चुनाव के मद्देनजर अपनी ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है। दरअसल, प्रदेश सरकार ने इसी साल 15 जनवरी को राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को लिंगदोह कमेटी की संस्तुतियों के अनुसार छात्र संघ चुनाव कराने को निर्देशित किया था, लेकिन प्रदेश सरकार को लगातार शिकायत मिल रही थी कि कई विश्वविद्यालय चुनाव कराने में रूचि नही ले रहे हैं, जिस वजह से छात्रो में सरकार के प्रति नाराजगी थी।
इसी वजह से सूबे की अखिलेश सरकार ने चुनाव कराने को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन को इस बार सख्ती से फरमान जारी किया है। बुधवार को प्रमुख सचिव शिक्षा जितेन्द्र कुमार ने समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के लिए इस सम्बन्ध में नए आदेश जारी किये। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से लिंगदोह समिति की संस्तुतियों के अनुसार छात्र संघ चुनाव कराने के फैसले का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए।
विश्वविद्यालय और जिला प्रशासन को छात्र संघ चुनावों के दौरान लिंगदोह समिति की सिफारिशों को सख्ती से लागू कराना होगा, नहीं तो यही छात्र संघ चुनाव आम छात्रों के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है।