शिखा पाण्डेय,
पाकिस्तानी आतंकवादियों के विरोध और तमाम धमकियों के बावजूद पाकिस्तान में सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह शरीक भी हुए और सकुशल भारत भी लौट आये। सिंह 20 घंटे से भी कम वक्त का दौरा कर भारत लौटे।
बैठक में गृहमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को उसका असली रूप दिखा दिया। राजनाथ सिंह ने आतंकवाद को सबसे बड़ा खतरा और सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए काबुल, ढाका और भारत के पठानकोट में आतंकी हमले का भी मुद्दा उठाया। वे तय समय से पहले ही भारत लौट आए। उन्हें धाम 5 बजे लौटना था।
अपने अजेंडा पर अटल गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दक्षेस की मंत्री स्तरीय बैठक से इतर अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं की। भाषण के बाद राजनाथ ने पाकिस्तान के गृह मंत्री से हाथ भी नहीं मिलाया। भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच फोटो खींचने को लेकर बहस भी हुई। इसके बाद गृहमंत्री ने पाक का बिना नाम लिए ही आतंक के लिए उसे सीधे जिम्मेदार ठहराया।
गौरतलब है कि सातवें दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन के गृह मंत्री स्तरीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सिंह कल शाम पाकिस्तान पहुंचे थे। अन्य गृह मंत्रियों के साथ-साथ सिंह भी शरीफ के साथ की जाने वाली शिष्टाचार भेंट में शामिल हुए और उनसे मुलाकात भी की।
एक दिवसीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए इस्लामाबाद रवाना होने से पहले सिंह ने कहा था, “यह सम्मेलन सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच उपलब्ध करवाता है।” सिंह ने कहा था कि वे आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ क्षेत्र के भीतर अर्थपूर्ण सहयोग की अनिवार्यता को रेखांकित किए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।