शिखा पाण्डेय । Navpravah.com
अगर आप लर्निंग लाइसेंस बनाने के झमेलों के डर से अब तक उस प्रक्रिया से दूर हैं और अपना लाइसेंस नहीं बना पाए हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। मोदी सरकार अब लर्निंग लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान बनाने जा रही है। अब आपको इसके लिए कई डाक्यूमेंट्स जमा करने की ज़रूरत नहीं होगी। आपका लाइसेंस सिर्फ आधार कार्ड के बल बूते बन जायेगा। सरकार ने एप्लीकेशन फॉर्म को भी सरल बनाने का निर्णय लिया है।
मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि लर्निंग लाइसेंस के लिए आईडी के तौर पर आधार कार्ड जमा कराया जा सकता है। अब आपको मेडिकल सर्टिफिकेट की भी जरूरत नहीं रहेगी। आवेदक को केवल सेल्फ सर्टिफिकेशन देना होगा।
दरअसल अब तक लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए पहचान के तौर पर अब तक कई तरह के डॉक्यमेंट्स की कॉपी मांगी जाती थी। इस लिस्ट में आधार कार्ड शामिल ही नहीं था, जबकि मिनिस्ट्री की ओर से अब जो नया फॉर्मेट जारी किया गया है, उनमें पहले नंबर पर आधार कार्ड को रखा गया है।यानी कि यदि आप के पास आधार कार्ड है, तो आपको दूसरे किसी डॉक्यमेंट की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। यदि आधारकार्ड नहीं है, तब अन्य डॉक्युमेंट्स में मतदाता पहचान पत्र, एलआईसी, पासपोर्ट, स्कूल सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट, एफिडेविट आदि में से कोई डॉक्यूमेंट जमा करा सकते हैं।
इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च के सीनियर फेलो एसपी सिंह ने एक अखबार को बताया कि अब तक ट्रेनिंग स्कूल केवल सर्टिफिकेट जारी करने का पैसा ले लेते थे, लेकिन अब सरकार की मंशा है कि इन ड्राइविंग स्कूल की भी नकेल कसी जाए। इसकी बहुत जरूरत है, ताकि पूरी ट्रेनिंग के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाए। इससे एक्सीडेंट्स की संख्या कम होगी।
अधिकारी ने बताया कि अभी भी कई राज्यों में लर्निंग या नए ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मैन्युअल एप्लीकेशन भरी जाती है, जिसकी वजह से नेशनल लेवल पर डाटा कलेक्शन में दिक्कत आ रही है, लेकिन अब जो नया फॉर्म जारी किया जाएगा, वह कम्प्यूटराइज्ड सिंगल फॉर्म होगा, जिसे कम्प्यूटर में आसानी से फीड किया जाएगा और भरने में भी आसान होगा।
क्या हैं अन्य बदलाव-
– ड्राफ्ट के मुताबिक, लर्निंग लाइसेंस में ड्राइविंग स्कूल का पूरा ब्यौरा देना होगा। ड्राइविंग स्कूल द्वारा जारी सटिर्फिकेट के साथ-साथ यह भी बताना होगा कि कितने समय की ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग कब से कब तक ली गई। इसके अलावा ड्राइविंग स्कूल का नाम, रोल नंबर जैसी जानकारी भी देनी होगी।
– लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए अब तक एक मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ता था, लेकिन अब इसकी जरूरत नहीं रहेगी। ड्राफ्ट में प्रपोजल है कि केवल आवेदक के सेल्फ सर्टिफिकेट देने की जरूरत होगी, जिसमें अपने फिटनेस का ब्यौरा भरना होगा। अब मेडिकल सर्टिफिकेट की जरूरत तभी होगी, जब आवेदक रिन्यूएल के लिए अप्लाई कर रहा हो, और उसकी उम्र 40 साल से अधिक हो।
– मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट के अधिकारी एस पी सिंह के अनुसार ये नियम अमेंडमेंट मोटर वेहिकल एक्ट 2017 के तहत जारी किए जाएंगे। इसके चलते सभी राज्यों में एक जैसे नियम लागू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि राज्यो में अलग अलग नियमों के कारण वाहन चालकों को दिक्कत का सामना करना पड़ता था, लेकिन यह एक्ट लागू होने के बाद सभी राज्यों में लर्निंग और नए ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर यूनिफॉर्मेटी आ जाएगी।