एनपी न्यूज़ डेस्क । Navpravah.com
सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक पर अपना एतिहासिक फैसला सुना चुका है। भारत में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात होती है, लेकिन भारत ट्रिपल तलाक पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और सीरिया जैसे देशों से भी पिछड़ा है। इजिप्ट दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने ट्रिपल तलाक को खत्म किया था, सन् 1929 में इजिप्ट ने ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया था। इजिप्ट ने एक इस्लामिक विद्वान इब्न तामियां की 13वीं सदी में कुरान की विवेचना के आधार पर ट्रिपल तलाक को मानने से इनकार कर दिया था।
पाकिस्तान ने भी सन् 1956 में ही ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया था। सन् 1955 में पाक के पीएम मोहम्मद अली बोगरा ने अपनी सेक्रेटरी से शादी कर ली थी और अपनी पत्नी को तलाक नही दिया था। इसके बाद पूरे देश में ऑल पाकिस्तान वीमेन एसोसिएशन की ओर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और तभी से पाकिस्तान में ट्रिपल तलाक के खत्म होने पर बहस शुरू हो गयी थी। फिर 1956 में सात सदस्यों वाले एक कमीशन ने ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया।
बांग्लादेश साल 1971 में पाकिस्तान से अलग हुआ और उसके बाद यहां पर शादी और तलाक के कानूनों में सुधार हुआ और बांग्लादेश ने ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया। श्रीलंका में ट्रिपल तलाक का जो कानून है, उसे कई विद्वानों ने एक आदर्श कानून करार दिया है। यहां पर मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1951 के तहत पत्नी से तलाक चाहने वाले पति को एक मुस्लिम जज को नोटिस देना होगा, जिसमें उसकी पत्नी के रिश्तेदार, उसके घर के बड़े लोग और इलाके के प्रभावशाली मुसलमान भी शामिल होंगे।
इन देशों के अलावा ट्यूनीशिया, साइप्रस, जॉर्डन, सीरिया, अल्जीरिया, इरान, ब्रुनेई, मोरक्को, इराक, कतर, यूएई, मलेशिया और इंडोनेशिया में भी तीन तलाक बैन है।