धर्म डेस्क. माघ मास की मौनी अमावस्या छोटी काशी सहित प्रदेशभर में 24 जनवरी को श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाई जाएगी। मौनी अमावस्या पर कई सालों बाद विशेष संयोग बनने जा रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है और इसी सूर्य और शनि का मकर राशि में मिलन होगा। करीब 30 साल बाद पिता पुत्र का मकर राशि में यह मिलन कई राशियों पर प्रभाव डालेगा। शनि राशि में अधिक बलवान होंगे।
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने व गंगा स्नान का विशेष महत्व है मौनी अमावस्या पर छोटी काशी सहित प्रदेश भर में दान पुण्य और स्नान का दौर चलेगा। मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने का सबसे अधिक महत्व बताया गया है।
धार्मिक मान्यता है कि देवत्व काल के समय में सागर मंथन से भगवान विष्णु अमृत कलश लेकर प्रकट हुए तथा इस अमृत कलश के लिए देव और असुर गुण में छीना झपटी शुरू हो गई। नभ में हुई छीना झपटी में अमृत की कुछ बूंदे छलक कर गंगा युमना के संगम में गिर गई जिससे यह संगम अति पवित्र हो गया। माघ अमावस्या को वही दिन माना जाता है और तभी से ही इस दिन गंगा स्नान का महत्व भी बढ गया है।