सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
औरंगाबाद जिला प्रशासन ने ओडीएफ मुहिम के तहत पवई पंचायत को 31 दिसंबर, 2017 तक खुले में शौच से मुक्त कराने का निर्णय लिया, इसके लिए प्रशासन ने 61 प्राइमरी और मिडिल स्कूल के टीचरों को ऐसे लोगों को तस्वीर लेने के लिए कहा जो खुले में शौच जाते हैं।
इस मामले में टीचर्स एसोसिएशन ने कहा है कि वो ओडीएफ की मुहिम को समर्थन करते हैं लेकिन उनके निर्देश को पूरा कर पाना शिक्षकों के लिए खासा मुश्किल हैं, क्योंकि इससे शिक्षकों को अपमान होगा।
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखित में इसकी जानकारी भी दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है इस आदेश को वापस लिया जाए। क्योंकि इससे सभी के सामने शिक्षकों का अपमान होगा, जो कि सही नही है।
इस काम में सुबह और शाम शिक्षकों की ड्यूटी निगरानी की होगी वहीं प्रधानाचार्यों को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया है, आदेश के तहत शिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे सुबह 5 बजे और शाम 4 बजे रोजाना खुले में शौच जाने वाले लोगों पर निगरानी रखेंगे।