ब्यूरो,
भाजपा के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर हमला बोला और उनके खिलाफ कई आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें तत्काल इस पद से बर्खास्त करने की मांग की है।
स्वामी ने आरोप लगाया कि राजन ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर लघु एवं मझले उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है। इससे न केवल उत्पादन में भारी गिरावट आई है बल्कि बडी संख्या में अर्द्धकुशल श्रमिक बेरोजगार भी हुए हैं। स्वामी ने कहा कि गवर्नर को ब्याज दर बढ़ाने के परिणाम के बारे में भी सोचना चाहिए था। उन्होंने आरोप लगाया कि गवर्नर ने यह नीति जानबूझकर अपनाई। इसके पीछे उनकी मंशा राष्ट्र विरोध की थी।
स्वामी ने यह आरोप भी लगाया कि राजन शिकागो विश्वविद्यालय के अपने ईमेल आईडी के ज़रिए गोपनीय व संवेदनशील वित्तीय सूचनाएं भेजते रहे हैं जो असुरक्षित है। इसके अलावा वह सार्वजनिक तौर पर भाजपा सरकार का अपमान करते रहे हैं।
मोदी को एक पखवाड़े में लिखे दूसरे पत्र में स्वामी ने आरोप लगाया कि एक संवेदनशील तथा काफी ऊंचे सरकारी पद पर होने के बावजूद राजन अपने ‘ग्रीन कार्ड’ के नवीकरण के उद्येश्य से बीच-बीच में अमेरिका की यात्राएं करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक गवर्नर का पद काफी ऊंचा होता है और इसके लिए देशभक्ति तथा राष्ट्र के प्रति बिना शर्त वाली प्रतिबद्धता की जरूरत होती है।
भाजपा नेता स्वामी ने आरोप लगाया कि राजन अमेरिका के डोमिनेटेड ग्रुप आफ 30 के सदस्य हैं। यह समूह वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका की प्रभुत्व की स्थिति का बचाव करता है।
स्वामी ने इस बात का उल्लेख किया कि किस तरह जापान तथा पूर्वी एशिया में संकट की वजह से क्षेत्र में अमेरिका दबदबा कायम हुआ है। उन्होंने कहा कि डॉ. राजन का काम करने का तरीका भी इसी तरह का लगता है। वह बेहद ऊंची ब्याज दरों के जरिये लघु एवं मझोले उद्योगों का गला घोंटना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी होने के बावजूद राजन भाजपा सरकार का सार्वजनिक तौर पर अपमान कर चुके हैं। स्वामी ने कहा, “राजन ने हमारी सरकार को देश में असहिष्णुता के लिए जिम्मेदार ठहराया। वाशिंगटन में उन्होंने भारत की वृद्धि दर का अपमान करते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था को अंधों में काना राजा कहा था।”