पारुल पाण्डेय,
मुंबई। बॉलीवुड में वर्तमान दौर में खेल-खिलाड़ी संबंधित फिल्मों पर ज्यादा फिल्में बनाई जा रहीं हैं। 2013 में जब से राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मिल्खा सिंह की बायोपिक भाग मिल्खा भाग बनाई है, तब से बॉलीवुड में स्पोर्टस बायोपिक बनाने का सिलसिला सा शुरू हो गया है।
भाग मिल्खा भाग ने शानदार कमाई तो की ही थी, साथ ही साथ क्रिटिक्स ने भी फिल्म को खूब सराहा था। बस इसके बाद तो 2014 में मैरीकॉम, हवा हवाई, 2016 में अजहर, साला खड़ूस, सुल्तान और आगामी दंगल जैसी फिल्मों का रेला सा लग गया।
भारतीय क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के संघर्ष की कहानी तो हमेशा से फिल्मकारों को अपनी ओर आकर्षित करती ही रही। उनके फर्श से अर्श तक कहानी को 72 एमएम पर उतारा ए वेडनेस डे के निर्देशक नीरज पाण्डे ने।
सुशांत सिंह राजपूत जो एमएस धोनी फिल्म में धोनी का किरदार निभा रहे हैं, को आने वाले समय का बड़ा स्टार माना जा रहा है। सुशांत ने अपनी अदाकारी का लोहा अभिषेक कपूर की काई पो चे और दिबाकर बैनर्जी की डिटेक्टिव व्योमकेश बख्शी जैसी फिल्मों से मनवाया है। जिसको ध्यान में रखते हुए एमएस धोनी के मेर्कस ने सुशांत को धोनी के रोल के लिए चुना।
फिल्म के लिए सुशांत सिंह राजपूत ने जी तोड़ मेहनत की है। क्रिकेटिंग शॉट्स खेलने के लिए उन्होंने बांद्रा कुर्ला स्पोर्टस कॉम्पलेक्स में खूब पसीना बहाया है। इसी दौरान उनके साथ एक अप्रत्याशित घटना घटी। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने उनके क्रिकटिंग स्किल्स की तारीफ की। एक कार्यक्रम के दौरान काई पो चे स्टार सुशांत सिंह राजपूत ने रहस्योद्घाटन किया कि मैं उनसे नहीं मिला। मैं तो बस बांद्रा-कुर्ला स्पोर्टस कॉम्पलैक्स में प्रैक्टिस कर रहा था। सचिन सर ने मुझे देखा और किरन मोरे से पूछा कि वो लड़का किसके लिए खेलता है। इतना ही मेरे लिए काफी था।
बहरहाल सुशांत ने धोनी के तौर-तरीकों से इतनी अच्छी तरह से समझ लिया है कि यह कहना गलत नहीं होगा कि सुशांत फिल्मी दुनिया को छोड़कर कभी भी क्रिकेट की दुनिया में जा सकते हैं।