अनुज हनुमत,
नई दिल्ली। जब से भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया है, तब से इसकी सच्चाई को लेकर प्रश्न उठ रहे हैं। पाकिस्तान इस मामले को फर्जी साबित करने की फ़िराक में लगा है, जिससे वह भारत के दावे जो झूठा साबित कर सके। लेकिन इसी बीच स्थानीय लोगों ने पाकिस्तानियों की नापाक हरकतों को उजागर किया है।
पाकिस्तानी सेना विदेशी मीडिया को सर्जिकल स्ट्राइक वाली जगह लेकर गई और दिखाया कि कहीं कुछ नहीं हुआ है। इसी मसले में अंग्रेज़ी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। खुफिया दस्तावेजों और एलओसी इलाके में रहने वाले लोगों से बात करके इंडियन एक्सप्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत जुटाए हैं। असल में अगर पाकिस्तान में हुई सर्जिकल स्ट्राइक का सच सबके सामने आ जायेगा, तो उसे यह भी बताना पड़ेगा कि आखिर उसके यहाँ चल रहे आतंकी कैम्पो का सच क्या है!
चश्मदीदों ने शव लादते हुए देखा-
इंडियन एक्सप्रेस ने दावा किया है कि ”लोगों ने 6 शवों को ट्रक पर लादते देखा। शवों को टीटवाल में लश्कर के कैंप चालहना ले जाया गया। ये इलाका टीटवाल में नीलम नदी के पास है।” स्थानीय लोगों के हवाले से चश्मदीदों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि ”भारतीय सर्जिकल स्ट्राइक में 3-4 लोग मारे गए होंगे। बाकी फायरिंग की आवाज सुनकर जंगल में भाग गए। अथमुकम में नीलम जिला अस्पताल जाने वाले चश्मदीदों ने दावा किया है कि जो भी लश्कर के लोग मारे गए, उन्हें वहां नहीं बल्कि खुफिया तरीके से कहीं औऱ दफनाया गया।”
चश्मदीदों ने देखा एक बिल्डिंग जलते हुए-
सबसे खास बात यह है कि एलओसी के पास रह रहे लोगों ने सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान फायरिंग की आवाज सुनी लेकिन लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले। सर्जिकल स्ट्राइक से आतंकियों के पीओके में बने ढांचे को कुछ नुकसान पहुंचा। चश्मदीदों ने अल हावी ब्रिज के पास एक बिल्डिंग को जलते देखा। खैराती बाग में लकड़ी से बनी लश्कर की एक बिल्डिंग भारतीय हमले में तहस नहस हुई।
भारत में बड़े हमले की फ़िराक़ में आतंकी-
शुक्रवार की नमाज के बाद चालहना में लश्कर के आतंकियों का जमावड़ा हुआ। पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आवाज उठी कि वो बॉर्डर की हिफाजत नहीं कर सके। तभी भारत को ऐसा सबक सिखाने का एलान हुआ, जिसे भारत भूल नहीं पाएगा।
आपको बता दें कि 28-29 सितंबर की रात भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर आतंकी कैंपों के लॉन्चिंग पैड पर धावा बोलते हुए, करीब 50 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया। 28-29 सितंबर की रात करीब 12.30 बजे भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स कमांडो की दो यूनिट उत्तरी कमान के दो खुफिया ठिकानों से हेलीकॉप्टर के जरिए एलओसी के बेहद करीब उतरीं और इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया।
करीब 4 घंटे तक ये ऑपरेशन जारी रहा और तकरीबन 4 बजे भोर में खत्म हुआ। जानकारी के मुताबिक, आतंकियों के 7 कैंप उरी के दूसरी तरफ थे, यानि लाइन ऑफ कंट्रोल के दो किलोमीटर भीतर थे। स्पेशल फॉर्स के करीब 150 कमांडोज को हेलिकॉप्टर की मदद से LOC पर उतारा गया। आंतकियों को मार गिराने के लिए कमांडोज की कई टीमें बनाई गई, जिसमें 10 से 12 कमाडोज़ थे. ये सभी टीमें रेंगकर लाइन ऑफ कंट्रोल की सीमा पार कीं, जिसके बाद दो किलोमीटर के अंदर तक घुसकर आंतकियों को मार गिराया गया और ऑपरेशन को अंजाम देकर वापस लौटे।
गौररतलब हो कि 18 सितंबर को उरी के आर्मी कैंप पर पाकिस्तानी आतंकियों ने हमले किए थे, जिसमें सेना के 19 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद भारत में पाकिस्तान से बदला लेने का दबाव था। अब देखना होगा कि पाकिस्तान इस पर क्या रुख अपनाता है।