सौम्या केसरवानी,
सुप्रीम कोर्ट में आज धर्म और जाति के आधार पर वोट मांगने वालों पर फैसला आ गया है। इस सन्दर्भ में एक याचिका दाखिल की गई थी, उसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि धर्म जाति और संप्रदाय के नाम पर कोई भी वोट अपील नहीं कर सकता। धर्म जाति के नाम पर वोट मांगने के सन्दर्भ में सुप्रीम कोर्ट में ढेरों याचिकाएं दाखिल थी। उन्हीं याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला दिया है।
चुनाव एक धर्म निरपेक्ष प्रणाली है, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, चुनाव और धर्म को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। लोगों को स्वतंत्रता है किसी भी धर्म को अपनाने की, किसी भी संघठन या पार्टी द्वारा इस पर टिप्पणी करना या लोगों को उकसाने का कार्य सही नहीं है। चुनावों के कुछ नियम और कानून हैं, उन सभी का पालन करना आवश्यक है।
वर्तमान समय में देखा जाए या पिछले कुछ सालों में राजनीतिक पार्टियों में अधिक से अधिक वोट पाने की होड़ लगी रहती है, जिसके लिए धर्म और जाति के नाम का भी प्रयोग किया जाता है। ये फैसला बेहद अहम है, अब देखना ये होगा कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगने वालों की कोशिशों पर कब अंकुश लगता है कि नहीं।