रेलवे बोर्ड का ये फैसला, बदल कर रख देगा ‘भारतीय रेल’ की सूरत!

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शिखा पाण्डेय|Navpravah.com

भारतीय रेल विभाग में एक ऐसा बड़ा बदलाव किया जा रहा है, जिससे भारतीय रेल की पूरी रूप रेखा ही बदल जायेगी। अब रेलवे के पॉलिसी लेवल के सभी फैसले ‘रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी’ (आरडीए) लेगी, जिसका गठन रेलवे में प्रोफेशनलिज्‍म को प्रमोट करने के लिए ही किया गया है।
हालांकि आरडीए के फैसलों पर अंतिम मुहर रेल मंत्रालय ही लगाएगा। इन सभी फैसलों में यात्री किराया, माल भाड़ा, इन्‍वेस्‍टमेंट, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर जैसे मुख्‍य मुद्दे शामिल हैं। आरडीए का कामकाज अगले वर्ष से शुरू हो जाए, इसके लिए रेल मंत्रालय ने चेयरमैन और मेंबर्स की तलाश शुरू कर दी है।

रेलवे बोर्ड ने मंगलवार से आरडीए के चेयरमैन और मेंबर्स की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड ने इन पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 10 नवंबर रखी गई है। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, रेल मंत्रालय की कोशिश है कि नवंबर अंत तक चयन की प्रक्रिया पूरी कर दी जाए, ताकि जनवरी से आरडीए अपना काम शुरू कर दे।

रेल मंत्रालय आरडीए का चेयरमैन ऐसा व्‍यक्ति को बनाना चाहता है, जिसे कम से कम 25 रेल इंडस्‍ट्री या फाइनेंस या एकाउंटेंसी या लॉ या रेग्‍युलेटरी अफेयर्स का अनुभव हो। मेंबर्स की नियुक्ति में भी प्रोफेशनल्‍स को वरीयता दी जाएगी। इसमें तीन मेंबर होंगे। मेंबर (टैरिफ), मेंबर (पीपीपी) और मेंबर (‍इफिशिएंसी, स्‍टैंडर्ड और बेंचमार्किंग) को पांच साल के लिए नियु‍क्‍त किया जाएगा।

आरडीए को रेलवे के संचालन का जिम्‍मा सौंपना ‘प्रोफेशनल्‍स’ को सौंपने की पहल माना जा रहा है, लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा। रेलवे बोर्ड के सदस्‍य रह चुके आरसी आचार्य ने एक अख़बार से बातचीत के दौरान बताया कि दरअसल रेलवे की वर्तमान दशा के लिए सरकारें काफी हद तक जिम्‍मेदार हैं। ऐसे में, आरडीए द्वारा किराए में वृद्धि जैसे कठोर फैसले को लागू करते वक्‍त रेल मंत्रालय का रूख क्‍या रहता है, इससे तय होगा कि रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी अपने मकसद पर खरी उतरती है या नहीं।

क्या होंगी आरडीए की जिम्मेदारियाँ

-रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी को ट्रेनों के किराये का समय-समय पर निर्धारण करना होगा।

-अलग-अलग कमोडिटीज पर कितना माल भाड़ा लगाया जाएगा, इसका भी फैसला आरडीए करेगा।

-रेलवे अलग अलग रेलवे लाइनें प्राइवेट सेक्‍टर्स को देने पर भी विचार कर रहा है। ऐसे में, इन रेल लाइनों पर प्राइवेट सेक्‍टर की ट्रेन को चलाने के लिए कितना किराया वसूला जाएगा, यह भी आरडीए तय करेगा।

-रेल टिकटों में कई तरह की छूट दी जाती है, जिसका फैसला रेल मंत्रालय द्वारा लिया जाता है, लेकिन अब इसका फैसला भी आरडीए करेगा।

-रेलवे की बड़ी दिक्‍कत यह है कि उसके रेवेन्‍यू मॉडल को देखते हुए इन्‍वेस्‍टर्स इन्‍वेस्‍टमेंट के लिए आगे नहीं आते। यही वजह है कि आरडीए में एक मेंबर, पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) भी नियु‍क्‍त किया जाएगा। जो इस तरह के प्रस्‍ताव तैयार करेगा, जिससे रेलवे में प्राइवेट सेक्‍टर का इन्‍वेस्‍टमेंट बढ़ सके।

-यदि इन्‍वेस्‍टमेंट को लेकर कोई भी विवाद खड़ा होता है तो उसका निपटारा भी आरडीए द्वारा किया जाएगा।

-भारतीय रेलवे को विश्‍व स्‍तरीय बनाने के लिए ‘ग्‍लोबल बेस्‍ट प्रैक्टिसेज’ और ‘बेंच मार्किंग’ को निर्धारित करने के काम भी आरडीए संभालेगा।

एक पूर्व रेल अधिकारी ने कहा कि आरडीए रेल किराये का निर्धारण करते वक्‍त रेलवे के खातों की बारीकी से पड़ताल करेगी। ऑपरेटिंग कॉस्‍ट के मुकाबले कितनी आमदनी हो रही है, उस आधार पर रेल किराया तय होगा और अगर सरकार आरडीए के प्रस्‍ताव पर अमल करती है, तो रेलवे जल्‍द ही घाटे से उबर जाएगा।

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