JNU हिंसा के बाद छात्रों का पलायन शुरु, बोले- अभी बहुत तनाव, यहां रहना ठीक नहीं !

नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय में रविवार देर शाम नकाबपोश बदमाशों द्वारा हुई हिंसा से छात्र काफी डरे हुए हैं। सोमवार को कैंपस से कई छात्र-छात्राओं को जाते हुए देखा गया है। यूनिवर्सिटी कैम्पस से जाने वाले छात्रों का कहना है कि अभी यहां बहुत तनाव है, जब स्थितियां सामान्य होंगी तब फिर लौट कर आएंगे।

JNU के मेन गेट पर ऑटो में बैठे एक छात्र ने बताया कि कैम्पस में माहौल अभी बेहद तनावपूर्ण है। फिलहाल यहां रहना ठीक नहीं लगता। हालात सुधरने के बाद ही लौटना ठीक रहेगा। पीएचडी कर रही प्रियंका ने बताया कि हिंसा की वजह से कैम्पस में तनाव का माहौल है। छात्रों में डर बैठ गया है। इसकी वजह से छात्र कैम्पस छोड़कर जा रहे हैं। पीएचडी करने वाली धान्या भी कैम्पस छोड़कर जा रही हैं।

बसपा सु्प्रीमो मायावती ने कहा कि JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक। इस घटना को केंद्र सरकार को हर स्तर पर अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। इसके साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच हो जाये तो यह बेहतर होगा। मायावती ने सोमवार सुबह इसको लेकर एक ट्वीट किया है।

आपको बता दें, रविवार देर शाम को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हॉकी और रॉड से लैस कुछ नकाबपोश बदमाशों कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया। यहां उपद्रवियों ने जमकर तोडफ़ोड़ की और संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए JNU प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी। दिल्ली पुलिस के अलावा कैंपस में पैरा मिलिट्री को भी तैनात करना पड़ा। वहीं JNU प्रशासन ने मामले में एफआइआर दर्ज करा दी है। इस हमले में करीब 25 लोग घायल हुए हैं।

इस हमले में छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष को गंभीर चोट आई है। उन्हें एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। अन्य घायल भी एम्स में ही भर्ती हैं। तीन शिक्षक अतुल सूद, सौगता भादुड़ी और सुचरिता भी घायल हुए हैं। हिंसा के लिए वामपंथी छात्र संगठनों और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है।

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