अनुज हनुमत,
इलाहाबाद। पूरब के आक्सफोर्ड के नाम से विख्यात इलाहाबाद विश्वविद्यालय एक बार फिर अपने नये विवाद के कारण जल उठा है। अभी कुछ ही महीनों पहले ऑनलाइन और ऑफ़लाइन के मुद्दे पर महीने भर विवि कैम्पस का माहौल गर्म था। उस विवाद से विवि कैम्पस ने जैसे तैसे राहत की साँस ली थी कि एक नए विवाद ने एक बार फ़िर छात्र हितों को ताक पर रख दिया है।
इस बार विवाद का कारण, हाल ही में विवि में हुई प्रवेश परीक्षा है, जिसमें धांधली और पेपर आउट का मामला सामने आया था। इसके बाद तमाम छात्र संगठनों सहित छात्र संघ पदाधिकारियों ने इसका विरोध करते हुए यह मांग की थी की पीजीएटी और क्रेट का एक्जाम रद्द करके प्रवेश परीक्षा पुनः कराई जाय। इसी मांग को लेकर आज तमाम छात्र संगठनों सहित सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने कुलपति कार्यालय का घेराव किया और स्पष्ट तरीके से अपनी मांग रखते हुए कहा कि पीजीएटी और क्रेट की प्रवेश परीक्षा पुनः कराइ जाय।
इसी मौके पर विरोध कर रहे छात्रो की तरफ से छात्र सुनील पाण्डेय ने अपना सिर मुड़वाकर अपना विरोध दर्ज कराया और कहा की विवि प्रशासन की ये तानाशाही नही चलेगी। इस पूरे घेराव के दौरान सबसे खास बात यह रही कि कैम्पस में एक दूसरा पक्ष भी नारेबाजी करता हुआ कुलपति कार्यालय पहुंचा जिसकी कहना थी कि इस पूरे प्रकरण में विवि प्रशासन की कोई गलती नही है और ये महज कुछ शरारती तत्वों द्वारा विवि की गरिमा को ठेस पहुँचाने के दृष्टिकोण से किया जा रहा कुकृत्य है। लेकिन हम ऐसा कुछ नही होने देंगे और हम कुलपति महोदय और विवि प्रशासन के साथ हैं । दोनों पक्षों ने एक दुसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जमकर विरोध किया। दोनों पक्षों को सम्भालने में पुलिस प्रशासन को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी।
इस पूरे घेराव के दौरान कुछ अराजक छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जिनके पास विवि का आईडी कार्ड नहीं था। इसी बीच एडवाइजरी बोर्ड के सदस्य प्रो. माताम्बर तिवारी विरोध कर रहे छात्रों के पास पहुंचे और उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन ने विशप जानसन के केंद्र में हुई क्रेट की प्रवेश परीक्षा को रद्द कर दिया है और आगामी 4 तारीख को कुलपति महोदय पीजीएटी के उन आम छात्रो से मिलेंगे, जिन्होंने प्रवेश परीक्षा दी थी न कि छात्र संघ पदाधिकारियों से।
इधर पीजीएटी और क्रेट प्रवेश परीक्षा में हुई कथित धांधली और पेपर आउट के मामले में विवि प्रशासन को आड़े हाथो लेते हुए, NSUI के राष्ट्रीय सचिव विवेकानंद पाठक ने कहा कि विवि की गरिमा खतरे में है और हमारी यह मांग कि ये उक्त प्रवेश परीक्षाएं रद्द हो और उसे पुनः सुचारू रूप से कराया जाये। इस पूरे प्रकरण के लिए विवि के कुछ चुनिंदा अधिकारी जिम्मेदार हैं, जिन्हें विवि से निकाला जाये। छात्र संघ अध्यक्ष ऋचा सिंह का कहना है कि विवि प्रशासन छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है और हम ऐसा नही होने देंगे। हमारी मांग है कि क्रेट और पीजीएटी की प्रवेश परीक्षा पुनः कराई जाए नहीं तो हम सब बड़ा आंदोलन करेंगे।
विवि कैम्पस में ही छात्र संगठन आइसा का इसी मुद्दे पर आज छठवें दिन भी क्रमिक अनशन जारी रहा। अब देखना होगा कि आने वालें दिनों में विवि का माहौल क्या होगा। इस पूरे विवाद के बीच ये प्रश्न भी कई छात्रों के मन में कौंध रहा है कि क्या समय रहते पढाई का ये सेशन चालू हो पायेगा ?