अभिजीत मिश्र । Navpravah.com
पिछले दिनों से लगातार मध्य प्रदेश में चल रहे किसान आंदोलन की वजह से विभिन्न क्षेत्रों का सामाजिक जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। प्रदेश में किसानों की मौत आंदोलन की आग में घी साबित हुआ और आग भड़क उठी। मध्य प्रदेश पुलिस का बयान है कि न ही प्रशासन ने उन्हें किसी भी प्रकार की फायरिंग करने के लिए कहा और न ही पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से कोई फायरिंग हुई है।
साथ ही साथ प्रशासन की तरफ से भी यह बयान आया है कि उपद्रवी किसान नहीं थे, यह विपक्ष दल की करतूत है जो सिर्फ दंगा भड़काने के लिए आंदोलन में गए थे। किसान आंदोलन ने पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा दिया है। मंदसौर में 2 पेट्रोल पंप, शो रूम और दर्जनों वाहन फूँक दिए गए।
देवास में पुलिस की चौकी ओर 150 वाहनों को जलाया गया। ग्वालियर में पुलिस पर भी उपद्रवियों ने हमला किया और मंदसौर के कलेक्टर पर भी हमला किया। किसानों के इस प्रदर्शन ने कई गरीब फलवाले ओर सब्जी वालों की मेहनत की कमाई को उजाड़ कर रख दिया और कई बेक़सूर लोगों को चोटें भी पहुँचाई।
महिलाएं और बच्चों से भरी हुई बस में तोड़ फोड़ की और यात्रियों को उतार कर बस जला दी। कई ट्रक की लूट की और ट्रक में लगा एयर कूलर भी चुरा कर ले गए। मृतकों के शरीर से निकली गोलियों की जांच लेबोरेट्री में होगी, अभी तक पता इसका पता नहीं चल पाया है कि फायरिंग किसने की।