ब्यूरो (नई दिल्ली),
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने कहा है कि पार्टी को उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे देना चाहिए। पार्टी के पास समय कम है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश या पंजाब में उन्हें जो भी भूमिका मिले, उसे निभाने को वे सहर्ष तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के लिए समय हाथ से निकला जा रहा है। पंजाब और उत्तर प्रदेश, दोनों ही राज्यों में हमारी रणनीति के संबंध में निर्णय जितनी जल्द हो सके, उतनी जल्दी किया जाना चाहिए जो भी निर्णय हो, जल्द से जल्द हो।”
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने के लिए तैयार हैं, तब दीक्षित ने घुमा फिराकर जवाब देते हुए कहा कि वह पार्टी उच्च कमान के निर्देश का पालन करेंगी। उत्तर प्रदेश व पंजाब में से वे किसे प्राथमिकता देंगी,इस विषय में 78 वर्षीय दीक्षित ने कहा, ” पंजाब और उत्तर प्रदेश दोनों ही राज्यों में चुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण होंगे। पार्टी हाई कमांड जो भी भूमिका मुझे देना चाहती है, उसके लिए मैं तैयार हूं। “
दीक्षित ने उच्च कमान से अनुरोध किया कि प्रमुख निर्णय तेजी से लिया जाए। सूत्रों की मानें तो सोनिया और राहुल के साथ दीक्षित की बैठक में उन्हें उत्तर प्रदेश में अग्रणी भूमिका, संभवत: मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
गौरतलब है कि दीक्षित ने कल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उनकी इस मुलाकात को लेकर यह अटकलें जोरों पर हैं कि उन्हें उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है या पंजाब में एक बड़ी भूमिका दी जा सकती है। शीला दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश के चुनावों में एक ब्राह्मण चेहरा सामने लाने के उद्देश्य से दीक्षित के नाम का सुझाव दिया है।
दूसरी ओर यह चर्चा भी ज़ोर पकड़ रही है कि दीक्षित को पंजाब का प्रभारी बनाया जा सकता है क्योंकि पार्टी एक ऐसा नेता तलाश रही है जो राज्य से संबंधित हो। दीक्षित मूल रूप से पंजाब से हैं। इसलिए कमलनाथ द्वारा बुधवार को पंजाब का प्रभार छोड़ने के बाद से ऐसी खबर आ रही है।