आईपीएल से जुड़े एक मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट से बॉलिवुड के अभिनेता शाहरुख़ खान और जूही चावला को एक राहत भरी खबर मिली है। मार्च 2017 में IT डिपार्टमेंट ने फेमा के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में शाहरुख खान, उनकी पत्नी गौरी और जूही चावला की IPL टीम और उसके निदेशकों को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस में लिखा था कि प्रमोटरों ने कथित तौर पर कंपनी में अपने शेयरों को मॉरीशस की एक कंपनी को बेच दिया था। इतना ही नहीं, जूही चावला के पति जय मेहता की कम्पनी ने इन शेयर्स को बहुत कम कीमत पर सी आइलैंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड (TSIIL) को बेची थी।
ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय ने यह आरोप लगाया था कि इस डील के तहत हुए फॉरन एक्सचेंज में भारत सरकार को 73.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। पिछले हफ्ते ही बॉम्बे हाई कोर्ट ने शाहरुख खान और जूही को इससे राहत दे दी है और आयकर विभाग द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिसों पर स्टे दे दिया है।
वहीं शाहरुख खान द्वारा साल 2008 में नाइट राइडर्स स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई गई थी। इसके जरिए उन्होंने क्रिकेट टीम की IPL फ़्रैंचाइज़ी का अधिकार लिया था। शुरुआत में कंपनी का मालिकाना हक खान की कंपनी रेड चिलीज और उनकी पत्नी गौरी खान के पास था, लेकिन IPL की सफलता के बाद उन्होंने 50 लाख शेयरों को मॉरीशस आधारित कंपनी द सी आइलैंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड को दे दिया था, जो जय मेहता की कंपनी है। खबरों के अनुसार, इसके बाद चावला ने अपने 40 लाख शेयरों को TSIIL को ट्रांसफर कर दिया। यह सब कुछ 2010 से पहले हुआ। आयकर विभाग को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली थी। इसका खुलासा तब हुआ, जब यह मामला 2017 में प्रवर्तन निदेशालय के सामने आया।