शिखा पाण्डेय,
अपने ही देश की सेना व सरकार की कार्रवाई पर संदेह करने वाले करने वाले कांग्रेस नेता संजय निरुपम अब उसका अच्छा खासा खामियाज़ा भुगत रहे हैं, लेकिन अपने बड़बोलेपन से बाज़ नहीं आ रहे। बुधवार को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने उनके एक कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने शहर में खुली जगह के कथित अतिक्रमण पर पैनल चर्चा के इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया।
गौरतलब है कि यह कार्यक्रम बुधवार दोपहर तीन बजे पत्रकार भवन में होना था। पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी, अनांदिनी ठाकुर, आरटीआई कार्यकर्ता भास्कर प्रभु सहित सिविल सोसाइटी के कई अन्य सदस्यों ने निरुपम की टिप्पणी के बाद कार्यक्रम के पैनलिस्ट के तौर पर मंगलवार को ही हटने का फैसला कर लिया था।
गांधी ने मंगलवार को निरुपम को एक ईमेल भेजकर सूचित किया कि वे परिचर्चा में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने ईमेल में कहा, “यह बेहद दुखद है कि एक भारतीय इस तरह से बात कर रहा है और पाकिस्तान के रुख को समर्थन दे रहा है।” गांधी ने कहा कि हमें पता चला है कि निरुपम लक्षित हमलों की सत्यता पर सवाल कर रहे हैं और उन्हें फर्जी बता रहे हैं, जो अनुचित है।
गांधी ने कहा ,” सिविल सोसाइटी के अन्य सदस्यों के साथ चर्चा करने के बाद हमने निरुपम द्वारा आयोजित बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है। हालांकि सिविल सोसाइटी के सदस्य मुंबई में खुली जगह के कथित अपहरण का विरोध करना जारी रखेंगे।”
इधर चारों ओर से आलोचनाएं झेलने के बावजूद निरुपम के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने भाजपा पर फिर से निशाना साधते हुए ट्वीट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भाजपा का राजनीतिक तमाशा जारी है। भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से राजनीतिक लाभ लेना चाहती है और उसकी नजरें आगामी चुनावों पर हैं। भाजपा रक्षा कार्यकलापों का राजनीतिकरण करने में संलिप्त है और देश का नागरिक होने के नाते मुझे ये सवाल पूछने का हक है।”
आपको बता दें कि सिविल सोसाइटी के सदस्य मुंबई नगर निकाय के राजधानी में खुले स्थान को नियमित करने की नई योजना के पक्ष में नहीं हैं और इस मुद्दे को उठाने के लिए कांग्रेस की नगर इकाई ने बुधवार को इस मुद्दे पर पैनल चर्चा कराने की योजना बनाई थी।