“संगठन की समर्पित कार्यकर्ता हूँ, ABVP पैनल को मेरा पूर्ण समर्थन ” -नलिनी मिश्रा

अनुज हनुमत,

इलाहाबाद। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों में नामांकन से ठीक पहले घटनाक्रमों में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं। बुधवार शाम निलम्बन रद्द होने के बाद से चुनाव लड़ने के लगाये जा रहे कयासों पर छात्र नेता नलिनी मिश्रा ने चुप्पी तोड़ते हुए संगठन के निर्णय को सबके हित में बताया। उन्होंने कहा कि संगठन का निर्णय का मैं सम्मान करती हूँ।

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छात्र नेता नलिनी मिश्रा ने कहा, ‘पिछले चार वर्षों से मैं विवि कैम्पस में अनवरत छात्र हितों की लड़ाई में संघर्षरत हूँ और ABVP की एक समर्पित कार्यकर्ता हूँ। विवि प्रशासन द्वारा गलत आरोप लगाते हुए मुझे निलम्बित कर दिया गया, जिस कारण मैं ABVP पैनल में अध्यक्ष पद हेतु अप्लाई नही कर पाई। मुझे इस बात का अफसोस है, लेकिन संगठन ने जो पैनल चुना है, मैं उसका पूर्ण रूप से समर्थन करती हूँ और आगे परिषद के लिए छात्र हितों के लिए इसी प्रकार संघर्षरत रहूंगी।’

आपको बता दें कि कल देर शाम ABVP की सक्रिय छात्र नेता नलिनी मिश्रा के द्वारा दायर याचिका पर कोर्ट में अपना फैसला सुनाते हुए निलम्बन रद्द करने का आदेश दिया था। ठीक उसी समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पैनल चुनने के लिए माथापच्ची की जा रही थी। ऐसे में सूत्रों के हवाले से ये खबर आई कि नलिनी मिश्रा के नाम पर भी विचार हो रहा है और इसीलिए पैनल घोषित करने में देरी हो रही है। लेकिन देर रात तक लगाये जा रहे तमाम कयासों पर संगठन ने विराम लगाते हुए पैनल घोषित करते हुए पांचों उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी। इसके बाद से दो तरह की बातें सामने आ रही थी कि क्या नलिनी मिश्रा निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी या वो परिषद् के निर्णय का साथ देंगी।

इसी उहापोह की स्थिति को साफ करते हुए नवप्रवाह.काम से विशेष बातचीत में छात्र नेता नलिनी मिश्रा ने कहा कि मैं परिषद् की एक समर्पित कार्यकर्ता हूँ और मुझे परिषद् इस चुनाव के लिए जो भी जिम्मेदारी देगा, मैं उसका निर्वाहन करूंगी। उन्होंने आगे कहा कि कोर्ट ने मेरा निलम्बन रद्द करके मेरी सच की लड़ाई में मेरा साथ दिया है और ये जीत पूरे संगठन की जीत है। मुझे थोडा अफ़सोस है कि इस निलम्बन के कारण मैं चुनाव लड़ने के लिए पैनल में अप्लाई नही कर पाई, लेकिन खुशी है कि परिषद ने आने वाले छात्र संघ चुनाव के लिए एक अच्छा पैनल चुना है। मैं उसका समर्थन करती हूँ। हमारी जीत होगी। मैं इसी प्रकार आगे भी छात्रों के हक की लड़ाई में उनके साथ रहूंगी।

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