शिखा पाण्डेय,
भारत व फ्रांस के बीच अनेक प्रयासों के बाद अंततः अत्यन्त महत्त्वपूर्ण व बहुचर्चित ‘राफेल लड़ाकू विमान सौदा’ तय हो गया है। भारत सरकार ने फ्रांस के साथ 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को मंजूरी प्रदान कर दी है। जानकारी में मुताबिक इस डील पर 7.878 अरब यूरो की लागत आएगी। इस पर शुक्रवार को फ्रांस के रक्षा मंत्री ज्यां जीन यीव्स ली ड्रियान की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे।
सौदे को लेकर शुरुआती बातचीत 1999-2000 में हुई थी। उन दिनों वायुसेना लड़ाकू विमानों के घटते बेड़े को लेकर चिंतित थी। तभी से लेकर राफेल पर लगातार बातचीत चलती रही और अब जाकर सौदे पर हस्ताक्षर होने जा रहे हैं।
इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 36 महीने में शुरू हो जाएगी और यह अनुबंध किए जाने की तारीख से 66 महीने में पूरी हो जाएगी। पिछले 20 वर्षों में यह लड़ाकू विमानों की खरीद का पहला सौदा होगा। इसमें अत्याधुनिक मिसाइल लगे हुए हैं जिससे भारतीय वायु सेना को मजबूती मिलेगी।
फ्रांस के रक्षा मंत्री शुक्रवार शाम भारत आ रहे हैं। उनके साथ देसाल्ट एविएशन, थेल्स और एमबीडीए के सीईओ के साथ शीर्ष सरकारी अधिकारी भी होंगे। सू़त्रों ने बताया कि सरकार ने आज औपचारिक रूप से अंतर सरकारी समझौते को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर शुक्रवार को फ्रांस के रक्षा मंत्री की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए जाएंगे।
राफेल सौदे की ख़ास बातें-
रक्षा सूत्रों के मुताबिक़ इस लड़ाकू विमान की खरीद पर यूपीए सरकार के काल की कीमत की तुलना में करीब 75 करोड़ यूरो बचाये जा सकेंगे जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने रद्द कर दिया था। इसके अलावा इसमें 50 प्रतिशत आफ सेट का प्रावधान भी रखा गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि छोटी बड़ी भारतीय कंपनियों के लिए कम से कम तीन अरब यूरो का कारोबार और ऑफसेट के जरिये सैकड़ों रोजगार सृजित किए जा सकेंगे।
रफाल विमान में भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों के लिहाज से तक़रीबन एक दर्जन फेरबदल भी किये गए हैं। मोदी सरकार द्वारा तय कीमत में केवल राफेल लड़ाकू विमान ही नहीं आएगा बल्कि उसमें एक से बढ़कर बेहतर हथियार प्रणाली होगी, मसलन मिटीयोर मिसाइल होंगी। मीटियोर के आने से हमारी वायुसेना के मिसाइल पाकिस्तानी वायुसेना के मिसाइल पर काफी भारी पड़ेंगे। जहाज़ में हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल होने से तिब्बत और पाकिस्तान के कई इलाके बगैर सरहद पार किये भारत की ज़द में आ जाएंगे।
इतना ही नहीं, इसमें हवा से जमीन में मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें होंगी। इसका निशाना अचूक है यानी यहां बैठे बैठे इस लड़ाकू विमान के मिसाइल किसी भी आतंकी कैंप को बरबाद कर सकते हैं। लंबी दूरी की हवा से ज़मीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल का होना भारत को अपने प्रतिद्वद्वियों पर एक स्वाभाविक बढ़त देता है।