नई दिल्ली. जवान रमेश रंजन बिहार भोजपुर जिले के रहने वाले हैं.शहीद जवान रमेश रंजन वर्ष 2011 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल 73 बटालियन में कॉन्स्टेबल पद पर बहाल हुए थे और उनकी पहली पोस्टिंग संभलपुर उड़िसा में हुई थी, बाद में उनकी पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में कर दी गई थी. जवान की शादी दो साल पहले ही हुई थी.
जम्मू-कश्मीर के लवेपोरा इलाके में आतंकियों और सीआरपीएफ जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी ढेर हो गए. इस मुठभेड़ में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) का एक जवान शहीद हो गया. लेकिन शहीद होने से पहले जवान ने देश के लिए ऐसा कारनामा किया कि वह अमर हो गया.
बुधवार को लवेपोरा में सुरक्षाबलों को आतंकियों के होने की खबर मिली थी, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च अभियान चलाया और इलाके की घेराबंदी की. इसी दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी शुरू कर दी. आतंकियों ने जवान रमेश रंजन के सिर पर गोली मार दी. रमेश ने रायफल संभाली और जवाबी फायर शुरू कर दिया. जमीन पर गिरते-गिरते रमेश ने एक आतंकी को ढेर कर दिया. फायरिंग की आवाज सुन बाकी जवान अलर्ट हो गए और दो और आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया.
फिर रमेश रंजन को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें शहीद घोषित कर दिया गया. रमेश रंजन बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं. मौत के बाद उनके घर पर सूचना दी गई कि मुठभेड़ में जवान रमेश रंजन शहीद हो गए हैं.
शहीद जवान के पिता राधामोहन सिंह ने बताया कि करीब एक माह पहले उनका बेटा छुट्टी में घर आया था, छुट्टी खत्म होने के बाद वो जम्मू-कश्मीर अपनी ड्यूटी पर चला गया था. बेटे से हमेशा बात होती थी, कल शाम भी उनकी बात बेटे से हुई थी. फिर उसके बटालियन के कमांडेंट का फोन आया कि आतंकियों के साथ मुठभेड़ हुई है, जिसमें रमेश रंजन शहीद हो गया है.
बेटे की शहादत पर रमेश के पिता का कहना है कि मुझे गर्व है कि मैं उस बेटे का बाप हूं जो आतंकियों को मार कर शहीद हुआ है. शहीद की मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. शहीद के रिश्तेदारों का कहना है कि वे हम लोगों के लिए किसी आदर्श से कम नहीं हैं.
आतंकियों के खिलाफ यह ऑपरेशन सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मिलकर चलाया. मारे गए तीन आतंकियों में से दो की पहचान खतीब अहमद दास और जिआउल रहमान वानी के रूप में हुई है.
इससे पहले सीमा पार से भी गोलीबारी की गई. मंगलवार को पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया था. जिसका भारतीय सेना ने मुहंतोड़ जवाब दिया. सेना के मुताबिक पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन किया और पुंछ में नियंत्रण रेखा पर फायरिंग की और मोर्टार दागे.
इस शहीद जवान ने बहादुरी को लोग हमेशा याद करेंगे. ये जवान अपनी अंतिम सांस तक लड़ता रहा. और दो आतंकियों को उसने मार गिराया जो की बहुत ही खुखार आतंकी थे.