नई दिल्ली. पाकिस्तान अब धीरे-धीरे बिलकुल अकेला होता जा रहा है. अभी तक सऊदी अरब पाकिस्तान का भरोसेमंद दोस्त था. लेकिन अब सऊदी भी आया भारत के साथ आया.जिसको लेकर पाकिस्तान के चहरे पर चिंता की रेखा साफ नजर आ रही है. अभी तक इस्लामिक देश होने के कारण सऊदी पाकिस्तान का सबसे अच्छा दोस्त था.
अब पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर अपने सबसे करीबी देश सऊदी अरब का भी साथ नहीं मिल रहा है. पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सऊदी अरब कश्मीर मुद्दे पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की विदेश मंत्रियों के स्तर की बैठक बुलाने के लिए तैयार नहीं है. बता दें कि 9 फरवरी को ओआईसी के वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर की बैठक होगी.
पाकिस्तानी पीएम मलेशिया दौरे में इमरान खान ने एक थिंक टैंक से बातचीत में भी ओआईसी पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा, यही वजह है कि हमारी (मुस्लिम देशों की) कोई आवाज ही नहीं है और हम पूरी तरह से बंटे हुए हैं. ओआईसी कश्मीर मुद्दे पर एक बैठक तक नहीं बुला पा रहा है.
दिसंबर महीने में ओआईसी के स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग ने कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी थी. हालांकि, विदेश मंत्रियों के स्तर की बैठक की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई.
अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ओआईसी की बैठक को लेकर हाल ही में कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर मुस्लिमों की एकजुटता का संदेश देने के लिए ये बहुत जरूरी है. मलेशिया दौरे में भी इमरान खान ने मुस्लिम देशों की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए. इमरान खान ने कहा कि अगर भेदभाव धर्म के आधार पर हो रहा है तो फिर मुस्लिमों को धर्म के आधार पर एकजुट होना चाहिए.