अनुज हनुमत,
विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मौजूदा प्रमुख मोहन भागवत अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहते हैं। इस बार उन्होंने आरएसएस को दुनिया में मानव विकास का एक अनूठा मॉडल बताते हुएे कहा कि लोग अपनी इच्छा से संघ में शामिल होने या इसे छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन इस संगठन को समझने के लिए व्यक्ति को खुले विचार का होना चाहिए।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने ये बात संगठन की स्थापना के 90 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि आरएसएस को समझने के लिए कोशिश करना महत्वपूर्ण है। लेकिन आरएसएस को समझने के लिए व्यक्ति को खुले विचार का होना चाहिए और उसके भीतर जिज्ञासा होनी चाहिए।
भागवत ने आरएसएस को एक लत बताया और कहा कि जो इसके आदी हो जाते हैं, वे कहीं और नहीं जा सकते। यही वजह है कि कुछ लोग इस संगठन में शामिल नहीं हो सकते। कोई भी अपनी इच्छा से इसमें शामिल होने या इसे छोड़ने को स्वतंत्र है। आपको बता दें कि इस समय विपक्ष, केंद्र की मौजूदा मोदी सरकार के हर फैसले के लिए संघ को दोषी मान रहा है। उसका कहना है कि सरकार में संघ का बहुत ज्यादा दखल है।