पीयूष चिलवाल | Navpravah.com
हाइवोल्टेज ड्रामे के बाद देर रात चुनाव आयोग ने गुजरात राज्यसभा चुनावों के नतीजे आखिरकार जारी कर दिये। राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के अमित शाह और स्मृति इरानी ने राज्यसभा की सीट अपनी झोली में डाली तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी लंबे संघर्ष के बाद चुनाव जीत गए।
जदयू के विधायक ने जहां कांग्रेस को वोट दिया तो एनसीपी के दो विधायकों के वोट भाजपा और कांग्रेस में बंट गए।
कांग्रेस के बागी राघवभाई पटेल और भोलाभाई गोहिल के वोट रद हो जाने के बाद 174 वोटों की गिनती हुई। जीत के लिए पटेल को 45 वोटों की जरूरत थी लेकिन दो बागी विधायकों के वोट रद्द होने के बाद 44 वोटों से भी उन्हें राज्यसभा की कुर्सी मिल गयी। मतदान खत्म होने पर मतपत्र दिखाने वाले बागी विधायकों के वोट रद करने की मांग को लेकर कांग्रेस का शीर्ष प्रतिनिधिमंडल पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं के साथ दिल्ली में चुनाव आयोग पहुंचा। दो घंटे के अंतराल में तीन बार भाजपा और तीन बार कांग्रेस ने आयोग के सामने अपनी बात रखी। भाजपा जहां तुरंत गिनती शुरू कराने की मांग पर अड़ी रही तो कांग्रेस ने क्रास वोटिंग करने वाले अपने दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग रखी। वीडियो फुटेज देखने के बाद आयोग ने कांग्रेस की मांग मानते हुए दोनों बागियों के वोट रद्द किए और वोटों की गिनती शुरू करने के आदेश दिए।
गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव थे। विधायकों के संख्या बल के अनुरूप दो सीटें बीजेपी तो एक सीट कांग्रेस को मिलनी तय थी। बीजेपी ने दो सीटों पर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उतारा तो कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल को चुनावी मैदान में उतारा गया। प्रत्याशियों की तय मानी जा रही जीत में मोड़ तब आया जब शंकर सिंह वाघेला ने कांगेस से इस्तीफा दे दिया और फिर एक के बाद एक पार्टी के छह विधायक बागी होकर बीजेपी में चले गए। इसके बाद कांगे्रस ने अपने बाकी विधायकों को बागी होने से बचाने के लिए अपने 44 विधायकों को लेकर कर्नाटक चली गई। लेकिन कर्नाटक के जिस रिसॉर्ट में ये विधायक रुके थे उसपर आयकर विभाग ने छापा मार दिया। इस छापे का शोर संसद में सुनाई दिया। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया कि बीजेपी अहमद पटेल को हराने के लिए हर दांव चल रही है और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग कर रही है। वो विधायकों की खरीद फरोक्त के बाद अब धमकाने पर भी उतारू हो गए है.
भाजपा नेता रविशंकर ने कहा कि कांग्रेस सुबह से चुप थी, लेकिन जब यह लगा कि हार सुनिश्चित है तो नतीजे को रोकने की कोशिश करन लग गई। वोट मत पेटी में पड़ चुका है। ऐसे में दो वोट अमान्य करने की मांग केवल कांग्रेस की हताशा जताता है।
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