शिखा पाण्डेय,
भारतीय बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू ने चाइना ओपन का ख़िताब जीतकर एक बार फिर देश का मस्तक फ़क्र से ऊंचा कर दिया है। सिंधु का फाइनल मुकाबला चीन की सुंग जी ह्यून के साथ हुआ। आपको बता दें कि इससे पहले चाइना ओपन में भारत से मात्र सायन नेहवाल पहुंची थीं, और 2014 में यह ख़िताब उन्होंने अपने नाम किया था।
सिंधु ने सेमी फाइनल में दक्षिण कोरिया की सुंग जी ह्यून को 11-21, 23-21, 21-19 से हराया। सिंधु ने सुन यू को 21-11, 17-21 और 21-11 से हराया। किसी बड़े टूर्नामेंट में यह लगातार तीसरे साल हुआ है, जब कोई भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी फाइनल खेली है, जबकि इनमें आमतौर पर चीनी खिलाड़ियों का बोलबाला रहता है। साल 2014 में साइना नेहवाल ने यह टूर्नामेंट जीता था, लेकिन 2015 में वह रनर अप रहीं थीं।
फाइनल मुकाबले का पहला सेट जीतने में सिंधु को बहुत ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी और उन्होंने नौवीं वरीयता प्राप्त चीन की ह्यून को 17 मिनट में ही 21-11 से गेम जीत लिया। दूसरे गेम में सिंधु को मशक्कत करनी पड़ी। ह्यून ने वापसी की सफल कोशिश की और गेम पर 17-21 से कब्जा कर लिया, लेकिन तीसरे और निर्णायक गेम में सिंधु ने एक बार फिर लय पकड़ ली और ह्यून को एक बार फिर 21-11 से मात दी। सिंधु और ह्यून के बीच यह छठा मुकाबला था, जिसमें सिंधु ने जीत-हार का आंकड़ा 3-3 से बराबर कर लिया।
ओलिंपिक के बाद यह सिंधु का पहला बड़ा खिताब है। यह खिताबी जीत उनके लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि चाइना ओपन में इससे पहले 25 में से 23 बार चीनी खिलाड़ियों ने ही खिताब पर कब्जा किया था। सिंधु से पहले अब तक भारत की साइना नेहवाल और मलेशिया की मी चुंग वॉन्ग ही ऐसी गैर-चीनी खिलाड़ी रही हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता था।