एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
रोहतक | कैदी नंबर 1997 यानी बलात्कारी रामरहीम ने अदालत में कहा कि जेल में मैंने चाय मांगी लेकिन मुझे चाय नहीं दी गई. मुझे अच्छा खाना नहीं दिया गया.
राम रहीम के इस वीआइपी मांग के लिए अदालत ने कहा कि सभी कैदियों को जो खाने पीने के लिए दिया जाता है वही दिया जायेगा.
हर स्टेट का जेल मैनुअल होता है. उसी के मुताबिक़ कैदियों को ट्रीटमेंट दिया जाता है. रामरहीम की अय्याश आदतों ने उसे इस कदर जकड़ रखा है कि वो अभी भी जेल के माहौल में खुद को ढाल नहीं पा रहा है.
जेल प्रशासन ने बताया कि चाय का समय निकल चुका था और खाने का समय आ गया था इसलिए चाय नहीं दी गई. किसी भी कैदी को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जा सकता है. सभी कैदी एक समान व्यवहार प्राप्त करेंगे.
बता दें कि बाबा ने जेल जाने से पहले हर सम्भव वो बहाना बनाया जिससे वो अपने लिए रहम पा सके. लेकिन अदालत ने अपराधी के प्रति कोई नरमी नहीं बरती. बलात्कारी रामरहीम के लिए किसी के मन में कोई सहानुभूति नहीं है.
गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान बाबा की मुहबोली हमसाया बेटी मनप्रीत भी दिखाई नहीं दी. अदालत ने रामरहीम के उस सूटकेस के लिए भी फटकार लगाई जिसे उठाने के लिए हरयाणा के वाइस एडवोकेट जनरल बर्खास्त कर दिए गये थे.