सौम्या केसरवानी।Navpravah.com
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार बीते 66 सालों में पहली बार पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय पहली बार बगैर दीक्षांत समारोह किए छात्रों को उपाधियां (डिग्री) देगा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने टेलीग्राफ को बताया कि दीक्षांत समारोह के लिए चांसलर या उसके द्वारा नियुक्त किसी गणमान्य की मौजूदगी जरूरी है।
विश्व भारती विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने टेलीग्राफ को बताया कि उन्हें कई बार अनुरोध करने के बावजूद मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय से कोई जवाब अब तक नहीं मिला है।
विश्व भारती के अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी और को भी ये दायित्व नहीं दिया जैसे मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहने के दौरान तत्कालीन राज्यपाल एमके नारायणन को सौंपा था।
दत्ता के अनुसार जब पीएमओ से जवाब नहीं आया तो मानव संसाधन मंत्रालय ने विश्वविद्यालय से कहा कि वो दीक्षांत समारोह का इंतजार किए बगैर प्रमाणपत्र वितरित कर दे।
विश्व भारती में पिछले चाल साल से दीक्षांत समारोह नहीं हुआ है। विश्वविद्यालय के करीब 15 हजार स्नातकों और परास्नातकों को डिग्री दी जानी है। विश्वविद्यालय ने बताया है कि जो छात्र डिग्री के लिए आवेदन कर रहे हैं उन्हें यथाशीघ्र इसे दिया जा रहा है।