शिखा पाण्डेय,
शुक्रवार को भारतीय वायु सेना में पहला स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को शामिल कर लिया गया। इस लड़ाकू विमान की 1350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने की क्षमता है। जानकारी के मुताबिक़, तेजस में दुनिया के सबसे बेहतरीन लड़ाकू विमानों को टक्कर देने की क्षमता है।
भारतीय वायु सेना में शामिल पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने किया है। भारत की ख्वाहिश थी कि वायु सेना में कोई स्वदेशी लड़ाकू विमान शामिल हो। तेजस के शामिल होते ही भारत जा यह 30 साल पुराना सपना भी साकार हो गया। तेजस की तुलना फ्रांस के ‘मिराज 2000’, अमेरिका के एफ-16 और स्वीडन के ग्रिपेन से की जा रही है।
फ्लाइंग ड्रैगर स्कॉव्ड्रन में फिलहाल दो तेजस होंगे और अगले साल मार्च तक छह और आ जायेंगे। इसके बाद और आठ तेजस इस स्कॉव्ड्रन में शामिल होंगे। वायु सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक़, दक्षिणी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन चीफ एयर मार्शल जसबीर वालिया की मौजूदगी में एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग एस्टेबलिशमेंट (एएसटीई) में एलसीए स्क्वाड्रन को शामिल किया गया।