सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
चिकित्सा जगत की जानी मानी पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित ‘द लैंसेट काउंटडाउन: ट्रैकिंग प्रोग्रेस ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेंट चेंज’ रिपोर्ट के अनुसार भारत में घरों के भीतर वायु प्रदूषण के कारण वर्ष 2015 में 1.24 लाख लोगों की असामयिक मौत हुई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 9,66,793 लोगों की असामयिक मौत के साथ चीन इस मामले में वर्ष 2015 में शीर्ष पर रहा, लेकिन इस मामले में इन मौतों का सबसे बड़ा कारण औद्योगिक स्रोतों से होने वाला प्रदूषण है। इस दिवाली दिल्ली में 40 प्रतिशत कम प्रदूषण हुआ, इस बार दिवाली के मौके पर पटाखों पर प्रतिबंध के चलते प्रदूषण घटा है। इस दिवाली पर पटाखों से होने वाला प्रदूषण साल 2016 की तुलना में 40 प्रतिशत कम हुआ है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों की बिक्री पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगाए गए प्रतिबंध के आलोक में यह तथ्य बेहद महत्वपूर्ण है।
वायु गुणवत्ता आकलन करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी सफर ने इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद उत्सर्जन के स्रोतों, मौसमी स्थिति, वायु की गुणवत्ता के विस्तृत अध्ययन के आधार पर ये नतीजे निकाले हैं।