सौम्या केसरवानी,
उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री आजम खान की मुश्किलें बढने वाली हैं, क्योंकि बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आजम खान को नोटिस दिया है, और तीन हफ्तों के भीतर जवाब मांगा है। दरअसल, आजम खान ने बुलंदशहर हाइवे गैंगरेप पीड़ितों के खिलाफ ‘आपत्तिजनक’ बयान दिया था और इस घटना को राजनीतिक साजिश करार दिया था।
पीड़ित पक्ष के वकील के मुताबिक पीड़िता ने मांग की है कि आजम खान के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हो, और उचित कार्रवाई हो।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आजम खान से चार सवालों के जवाब मांगे हैं।
1- क्या कोई शख्स जो सार्वजनिक पद पर बैठा हो ऐसे घृणित अपराध पर टिप्पणी कर सकता है जबकि व्यक्तिगत रूप से उसका मामले से संबंध ना हो?
2- क्या सरकार को लोगों को ऐसी टिप्पणी करने देना चाहिए?
3- क्या इस तरह की टिप्पणियां आजादी की अभिव्यक्ति के अंतर्गत आती हैं?
4- क्या इस तरह की टिप्पणियां संवैधानिक संवेदना को परास्त नहीं करती है?
याचिकाकर्ता के मुताबिक, मामला दिल्ली शिफ्ट करने की मांग की गई है। इसके अलावा पुलिसकर्मियों और आजम खान पर कार्रवाई और पीड़ितों के पूर्ण पुनर्वास की भी मांग की गई है। 12 अगस्त को पीड़ित नाबालिग लड़की के पिता ने आजम खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।