शिखा पाण्डेय,
पश्चिम बंगाल का नाम अब सिर्फ ‘बंगाल’ होगा क्योंकि पश्चिम बंगाल के नए नाम का प्रस्ताव राज्य विधानसभा में पारित हो गया है। इस नये प्रस्ताव के तहत अलग-अलग भाषाओं के लिए राज्य के अलग नाम दिए गए हैं। इस नए नाम के प्रस्ताव को राज्य विधान सभा में सोमवार को पारित किया गया। हालांकि इसमें ‘बंगो’ के प्रस्ताव को खारिज किया गया है।
बदलाव के पश्चात् पश्चिम बंगाल अब बांग्ला भाषा में ‘बांग्ला (Bangla)’, अंग्रेजी में ‘बैंगॉल (Bengal)’ और हिंदी में ‘बंगाल (Bangal)’ कहा जाएगा।
पारित प्रस्ताव को अब केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद पश्चिम बंगाल का नाम अधिकारिक रूप से ‘बंगाल’ और ‘बांग्ला’ हो जाएगा।
नाम में बदलाव का कारण-
ममता बनर्जी के अनुसार राज्य का नाम अंग्रेज़ी भाषा में डब्ल्यू से शुरू होने के कारण राज्य के प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय स्तर की बैठकों में बात रखने के लिए अंत में समय मिलता था। उनका कहना था कि इसी वजह से राष्ट्रीय स्तर की बैठकों में प्रांत की बातें या तो सुनी ही नहीं जाती हैं या उनकी अनदेखी हो जाती है। अब नए नाम की वजह से राज्यों की सूची में बंगाल काफी ऊपर पहुंच जाएगा, जो अंग्रेजी की वर्णमाला के क्रम के अनुसार बनाई जाती है।
प्रस्ताव पास होने के बाद ममता बनर्जी ने कहा कि “आज का दिन हर लिहाज से ऐतिहासिक है। हमें इस फैसले पर गर्व है। जो लोग इसका विरोध कर रहे थे, उन्हें इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा।” आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पिछले शासनकाल में भी राज्य का नाम बदलने का मुद्दा उठाया था।