अनुज हनुमत,
एक कहावत है कि राजनीति में कभी भी कुछ भी घटित हो सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं समाजवादी पार्टी, जहाँ अब बाप-बेटे में भी तलवारें खिंच गई हैं और अब देर शाम पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सीएम अखिलेश यादव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुये 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है ।
दरअसल, नोटिस 2017 में होने वाले यूपी चुनाव के लिए अखिलेश द्वारा अलग से जारी की गई उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर दिया गया है। इसके बाद मुलायम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया गया है। इस दौरान शिवपाल यादव भी उनके साथ ही मौजूद हैं। मुलायम ने बेटे अखिलेश को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि सीएम गुटबाजी कर रहे हैं। रामगोपाल सीएम का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
आपको बता दें कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुलायम ने कहा कि 30 दिसंबर 2016 को रामगोपाल यादव को मैंने पत्र लिखा। उन्होंने पार्टी का आपातकालीन सम्मेलन 1 जनवरी को बुलाया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा किसी और को सम्मेलन बुलाने का अधिकार नहीं है। ये न सिर्फ अनुशासनहीनता है, बल्कि पार्टी को भारी आघात पहुंचाया। पार्टी को कमज़ोर करने का काम किया। इसलिए आपको सभी पदों और सदस्यता से बर्खास्त किया जाता है। रामगोपाल को छह साल के लिए पार्टी से निकाला जाता है।
बड़ी बात ये है कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के साथ-साथ रामगोपाल यादव को भी नोटिस जारी करते हुए दोनों को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया है। नोटिस में मुलायम सिंह ने पूछा है कि अलग लिस्ट क्यों निकाली गई और इस पर क्यों न कार्रवाई की जाए। हालांकि, नोटिस का जवाब देने की समय सीमा तय नहीं की गई है। इधर, रामगोपाल ने राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाया है।
पहली तारीख को पार्टी का विशेष प्रतिनिधि सम्मेलन राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के सभागार में 11 बजे होगा। ये पार्टी का सबसे बड़ा फोरम होता है जो पार्टी में अगर कहीं गड़बड़ी हो तो उसे सुधारने का काम करता है।
यूपी के सियासी माहौल में मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस के बाद अचानक भूचाल आ गया है। सूत्रों की मानें तो अब पिता-पुत्र का अलगाव निश्चित है। समाजवादी पार्टी का टूटना अब लगभग तय है।