अनुज हनुमत,
अपने तीखे बयानों के लिए प्रसिद्द बसपा सुप्रीमों मायावती ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने गुजरात राज्य के ऊना जिले में ‘गौरक्षा’ के नाम पर मरी हुई गाय का चमड़ा उतारने वाले गरीब दलित समाज के लोगों के खिलाफ बर्बर व अमानवीय व्यवहार करने की घटना की निन्दा की।
मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस प्रकार की अनेकों घटनाओं से बसपा का यह आरोप सही साबित होता है कि केन्द्र में मोदी सरकार के आने के बाद दलितों, पिछड़ों व धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम समाज के साथ भेदभाव, उनका शोषण व उत्पीडऩ काफी ज्यादा बढ़ा है। इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है। धीरे-धीरे यह स्थिति भयावह रूप लेती जा रही है, जो अत्यन्त ही चिन्ताजनक है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि केन्द्र की वर्तमान सरकार के आने के बाद खासकर आर.एस.एस. से जुड़े कट्टरवादी संगठनों के लोग अपने आपको संविधान व कानून से ऊपर मानकर काम करने लगे हैं और यही कारण है कि खासकर भाजपा शासित राज्यों में वे लोग खुलेआम कानून को अपने हाथ में लेकर उन्माद व उपद्रव का वीभत्स प्रदर्शन लगातार करते रहते हैं।
दरअसल इतना ही नहीं, भाजपा शासित मध्य प्रदेश में दलितों व आदिवासी समाज के लोगों के साथ भेदभाव, उनके हित व कल्याण की घोर उपेक्षा करने का मामला खुले तौर पर सामने आकर उसका विरोध हुआ है। वहां के एक वरिष्ठ आई.ए.एस. अफसर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखकर इन मामलों में आपत्ति जताई है और अब उन्हें प्रताडि़त करने की तैयारी है, जैसा कि हैदराबाद के पीएच.डी. स्कॉलर रोहित वेमूला के साथ किया गया था।
वैसे इन आरोपों में कितनी सच्चाई है, ये तो कोई नहीं जानता है लेकिन ऐसे तेवर यूपी की जनता को लगातार देखने को मिलते रहेंगे। क्योंकि यूपी का सियासी बुखार तमाम नेताओं के सिर चढ़कर बोल रहा है।