अनुज हनुमत,
नई दिल्ली। पिछले एक हफ्ते से लगातार घाटी जल रही है और अभी कई स्थानों पर कर्फ्यू जारी है। कश्मीर के इसी तनावपूर्ण हालात पर पीएम नरेंद्र मोदी की बुलाई उच्च स्तरीय बैठक खत्म हो गई है। प्रधानंमत्री आवास पर हुई ये बैठक करीब 2 घंटे तक चली।
सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बैठक में पाकिस्तान के बयानों पर भी आपत्ति जताई गई और साथ ही साथ अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के मुद्दे पर भी विस्तृत चर्चा हुई। जैसे ही बैठक ख़त्म हुई फौरन पीएमओ में मंत्री जितेंद्र सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि पीएम मोदी ने कश्मीर में सभी से शांति बनाए रखने की अपील की ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार इस मामले में राज्य सरकार को हर तरह की मदद देने को तैयार है।
बैठक में मोदी ने अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा इंतजाम पर भी संतोष जताया और यात्रियों की हर मुमकिन मदद करने का भी आदेश दिया। इस उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री को कश्मीर घाटी के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जहां शुक्रवार को वानी की मौत के बाद से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में मरने वालों की तादाद 32 हो गई है। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरूण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और विदेश सचिव एस जयशंकर सहित अन्य लोगों ने भी शिरकत की।
इसके पहले जम्मू कश्मीर के हालात पर कल रात भी एक महत्वपूर्ण बैठक में पर्रिकर, जेटली और डोवाल ने शिरकत की थी। डोवाल प्रधानमंत्री के साथ दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर गए थे, लेकिन उनसे एक दिन पहले ही वापस लौट आए और मंत्रियों को केन्द्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों ने घाटी में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ने तमाम बलों से अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सीमा के इर्द गिर्द सतर्कता बढ़ाने को कहा गया है, ताकि हालात का फायदा उठाकर किसी तरह की ताजा घुसपैठ पर अंकुश लगाया जा सके। सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों से यह भी कहा गया है कि वह प्रदर्शनकारी नागरिकों के खिलाफ विवेकपूर्ण तरीके से बल प्रयोग करें।
बैठक में हुए ये फैसले
-हालात से निपटने में राज्य सरकार को पूरी छूट।
-राज्य सरकार को हालात का सामना बेहतर तरीके से करने को कहा गया। केंद्र सरकार करेगी पूरी मदद।
-बुरहान वानी को बड़ा नेता नहीं बनाये जाने की रणनीति। वो एक आतंकवादी था, उसे उसी रूप में देखा जाए।
-पत्थरबाजी कर रहे युवाओं से राज्य सरकार निपटेगी।
– सुरक्षा ठिकानों और सुरक्षाबलों पर हमलो कों सख्ती से निपटा जाएगा।