मोदी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल का पोस्टमार्टम

अनुज हनुमत,

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र में बनी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार, कल 26 तारीख को सत्ता में अपने 2 वर्ष पूरे करेगी। ज़ाहिर है, दो साल पूरे होने को लेकर मोदी सरकार के अब तक के कामकाज की समीक्षाएं की जा रही हैं और अपने-अपने हिसाब से आंकलन भी किए जा रहे हैं।

नरेंद्र मोदी लंबेे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के बाद 2014 में आंधी की तरह केंद्र में आए और प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रवेश कर इतिहास रच दिया। मोदी की जीत भारत की जनता द्वारा दिया गया सिर्फ एक संदेश मात्र ही नहीं था। बल्कि इस जनादेश ने स्वतंत्रता के बाद से देश की सत्ता संभालनेे वाली कांग्रेस पार्टी को भी सोचने पर मजबूर कर दिया। इस जनादेश के तहत लोगों ने आधुनिक भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और देशवासियों के सपनों को साकार करने का वादा करने वाले नेता पर विश्वास दिखाया।

👉🏼आइए आप को बताते हैं कि पिछले दो सालों में मोदी सरकार ने कौन-कौन से महत्वपूर्ण फैसले लिए

1. डिजिटल भारत –
21 अगस्त 2014 को ‘‘डिजिटल भारत’’ अभियान शुरु किया गया था। इस अभियान के पीछे मकसद था कि भारत को एक इलेक्ट्रिाॅनिक अर्थव्यवस्था में बदला जाए।

2. प्रधानमंत्री जन धन योजना-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। इस योजना की घोषणा उन्होंने 15 अगस्त 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में की थी। यह एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के शुरु होने के पहले दिन ही डेढ़ करोड़ बैंक खाते खोले गए थे और हर खाता धारक को 1,00,000 रुपये का बीमा कवर दिया गया।

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3.स्वच्छ भारत अभियान-
प्रधानमंत्री ने 24 सितंबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान को मंजूरी दी जो कि पिछली सरकार द्वारा शुरु किये गए निर्मल भारत कार्यक्रम का संशोधित स्वरुप था। स्वच्छ भारत अभियान को औपचारिक रुप से महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को शुरु किया गया।

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4.मेक इन इंडिया-

यह एक नारा है जिसे नरेन्द्र मोदी ने शुरु किया था जिससे भारत में वैश्विक निवेश और विनिर्माण आकर्षित किया जा सके। उसके बाद यह एक अंतर्राष्ट्रीय मार्केटिंग अभियान बन गया। मेक इन इंडिया अभियान इसलिए शुरु किया गया जिससे भारत में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले। मेक इन इंडिया की कोशिश है कि भारत एक आत्मनिर्भर देश बने।

5.सांसद आदर्श ग्राम योजना-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की। इस योजना के अनुसार हर सांसद को साल 2019 तक तीन गांवों को विकसित करना होगा।

6.अटल पेंशन योजना-

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2015 के बजट भाषण में कहा था कि दुखद है कि जब हमारी युवा पीढ़ी बूढ़ी होगी उसके पास भी कोई पेंशन नहीं होगी। प्रधानमंत्री जन धन योजना की सफलता से प्रोत्साहित होकर वो सभी भारतीयों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के सृजन का प्रस्ताव करता हैं। इससे ये सुनिश्चित होगा कि किसी भी भारतीय नागरिक को बीमारी, दुर्घटना या वृद्धावस्था में अभाव की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।

7.बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ-

जन-धन योजना, मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान के सफल कामयाबी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को हरियाणा के पानीपत में एक और योजना शुरू की। 100 करोड़ रुपए के शुरुआती कॉर्पस के साथ यह योजना देशभर के 100 जिलों में शुरू की गई।

8.पीएम कौशल विकास योजना-

सरकार ने गरीबी के खिलाफ लड़ाई के तहत यह अभियान शुरू किया है। पीएम ने कहा कि अगर देश के लोगों की क्षमता को समुचित और बदलते समय की आवश्यकता के अनुसार कौशल का प्रशिक्षण दे कर निखारा जाता है तो भारत के पास दुनिया को 4 से 5 करोड़ कार्यबल उपलब्ध करा सकता है।

9.स्टैंड अप इंडिया स्कीम-

5 अप्रैल 2016 को नोएडा के सैक्टर 62 में पीएम मे स्टैंड अप इंडिया स्कीम की शुरुआत की। इस योजना के लिए उन्होंने एक वेब पोर्टल शुरू किया। इस स्कीम को लेकर भारत के उद्यमी वर्ग में खासा उत्साह है। इसके अंतर्गत नये उद्यमियों को स्थापित करने में मदद की जायेगी, जिससे देश भर में रोजगार बढ़ेगा। स्टैंड अप इंडिया स्कीम केंद्र सरकार की एक योजना है जिसके अंतर्गत 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये तक की सीमा में ऋणों के लिए अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जायेगा। इस योजना से ऐसे उद्यमियों को बड़ी संख्या में लाभ मिलने की संभावना है।

👉🏼स्टैंड अप इंडिया की खासियत

1. नये उद्यम स्थापित करने के लिए कार्यशील पूंजी घटक के समग्र के तौर पर 10 लाख रुपये से 100 लाख रुपये तक के बीच के संयुक्त ऋण।

2. कार्यशील पूंजी के आहरण के लिए डेबिड कार्ड (रूपे)।

👉🏼 प्रधानमंत्री ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के चलते उन गांवों में जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची थी इसके पहुंचने के बाद लोगों के रहन-सहन में काफी बदलाव आ रहा है।

👉🏼बिजनेस कम्‍युनिटी के लिए फेवरबेल मानी जाने वाली मोदी सरकार 26 मई को अपने दो साल पूरे कर रही है। कंपनियों के मार्केट वैल्‍युएशन की दो साल की कैलकुलेशन में जाे जानकारी आई, वह चौंकाने वाली है। मोदी के करीबी माने-जाने वाले बिजनेसमैन अंबानी-अडानी को इस दौरान 60 हजार करोड़ रुपए तक का नुकसान हुआ है। जबकि, टाटा ग्रुप को 68 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ है

👉🏼 9 मई 2016 को भारत के 9 गाँवों ने जीवन में पहली बार बिजली का बल्ब जलाया।
7018 गाँवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।

👉🏼उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) (सीपीआई) आधारित महंगाई मई 2014 में 8.28 फीसदी से घटती हुई मार्च 2016 में 4.83 फीसदी तक नीचे आई लेकिन अप्रैल 2016 में इसकी चाल बदल गई और बढ़कर 5.39 फीसदी हो गई।

👉🏼मोदी सरकार की असफलताएं – मोदी सरकार कई मोर्चों पर असफल भी रही-

1. काले धन की वापसी में नाकामी – चुनावी प्रचार के दौरान मोदी ने भारतीय जनता से ये वादा किया था की वो विदेशी बैंकों में रखा काला धन वापिस लाएंगे लेकिन ऐसा लगता है कि काला धन वापस आने में कई साल लग सकते हैं. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित विशेष जांच दल के हाथों में आ गया है |

3. सुरक्षा व्यवस्था में कमी -पठानकोट हमला इस बात का जीता जगता उदहारण है और इसके साथ ही पठानकोट हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के ववजूत पाकिस्तान अधिकारीयों को जांच के लिए आने देना हमारी लचर व्यवस्था को दर्शाता है | यह हमला दो जनवरी को हुआ था जिसमें सेना के सात जवान शहीद हुए थे. भारत ने इसके लिए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को जिम्मेदार ठहराया था. भारत का कहना है कि जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर इस हमले का मास्टरमाइंड था |

4 . महगाई पर काबू न पा पाना -मॅहगाई दिन पे दिन बढ़ती जा रही दाल का २०० रू किलो होना इस बात को दर्शाता है की आम आदमी केलिए अब दाल रोटी भी काफी महंगी हो गई है |

5 . बेरोज़गारी – इसके अलावा बेरोज़गारी की समस्या भी जस की तस बनी हुई है, लोगों को पीने के पानी की अनुपलब्धता और पानी की उपलब्धता के लिए कोई सटीक उपाय नहीं किये जा रहे है , किसानों के लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी कोई गम्भीरता नहीं दिखाई पड़ रही है ,सरकार उपरोक्त सभी मामलों में कमजोर पड़ती नजर आ रही है|

👉🏼इन् सबके वावजूद सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज के सर्वे में कहा गया कि
70 फीसदी लोग नरेंद्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री देखना चाहते हैं, जबकि इसके उलट 49 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से खुश नहीं हैं.
यानी मोदी अब भी सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. लगभग हर जनमत सर्वेक्षण में मोदी की लोकप्रियता कायम है |

👉🏼मोदी हिट ,मंत्री फेल-
ज्यादातर विशेषज्ञों का स्पस्ट तौर पर मानना है की नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनने के बाद से विदेशों में भारत की छवि में बहुत बदलाव हुआ है । जिससे उनकी विदेश नीति को सफल माना जा रहा है , लेकिन ये भी सच है की नेपाल और चीन से रिश्तों में पिछले कुछ दिनों से तल्खियाँ नजर आ रही हैं और पाकिस्तान का व्यवहार जस का तस है जो की मोदी सरकार की अग्निपरीक्षा है ।

👉🏼 बरहाल कुछ भी हो पर प्रशासनिक स्तर पर मोदी सरकार को जनता पंसद कर रही है पर वही महंगाई ,बेरोजगारी जैसे अहम विषयों पर मोदी सरकार ने अभी तक निराश ही किया है । अगर इन दो सालों की ही तरह मोदी जी अकेले बैटिंग करते रहे और मंत्री ,सांसद यूही दर्शक बने रहे तो स्थिति बिगड़ सकती है क्योंकि जब तक सामूहिक प्रयास नही होंगे तब तक देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर नही लाया जा सकता है । सरकारें तो आती जाती रहती हैं ।कार्यकाल तो यूही हर साल पूरे होते हैं ।सरकारों द्वारा जश्न और उसके कार्यों का लेखा जोखा भी हर साल होता है पर वास्तव में अगर सही रूप से देश की मूलभूत चुनिंदा समस्यायों पर समय रहते ध्यान नही दिया गया तो शायद आने वाले समय में देश में लोकतन्त्र तो रहे पर सरकारें देखने को न मिले ,देश में राजनीति तो रहे पर नेता देखने को मिले । इसलिए उम्मीदों के साथ सत्ता संभाल रही मोदी सरकार के सामने अब आने वाले 3 सालों में चुनौतियाँ भी तीन गुना होगीं।

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