एनपी न्यूज़ नेटवर्क । Navpravah.com
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने दो दलित नेता अशोक कुमार रावत और उनके भाई मनीष कुमार रावत को अपनी पार्टी से निकाल दिया है। अशोक कुमार पूर्व सांसद हैं। इस ख़बर के आते ही ये चर्चा आम हो गई है कि अब दलितों की पैरवी करने वाली पार्टी में भी दलितों की कोई पूछ नहीं रह गई है।
बसपा के नेताओं ने कहा कि दोनों लोगों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए हटाया गया है। लेकिन मनीष कुमार ने कहा कि मायावती ने बीस लाख रुपए मांगे थे, लेकिन मैने देने से इंकार कर दिया, क्योंकि मेरे पिता जी की बायपास सर्जरी करवानी है। बस इसी वजह से लगता है मुझको निकाल दिया गया। मनीष ने आगे कहा कि बसपा में पैसे मांगने की लिमिट तोड़ी जा रही हैं इसलिए लोग उसको छोड़ रहे हैं। मनीष ने कहा पार्टी के सभी नेता तंग आ गये हैं, लेकिन वे अभी कुछ बोलेंगे नहीं।
जानकारी के मुताबिक, मनीष ने अभी कोई पार्टी ज्वॉइन नहीं की है, लेकिन वे जल्द ही कोई पार्टी ज्वाइन करेगें उसके बाद संभवतः वे पार्टी से जुड़ी बाकी बातों से पर्दा उठा सकते हैं। उनके चाचा रामपाल वर्मा हरदोई के बालामऊ से भाजपा से विधायक हैं। इससे पहले दलित नेता इंद्रजीत सरोज बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे, सरोज और रावत दोनों जातियों को बसपा का परंपरागत वोटर माना जाता है। पिछले कुछ महीनों में बसपा के कई नेताओं ने या तो पार्टी छोड़ दी या फिर उनको निकाल दिया गया।