अभिजीत मिश्र,
यह घटना उन्नाव (पुरवा) जिले की है, जब मंडप में दूल्हा गुटखे के पैकेट पे पैकेट फाड़े जा रहा था और शादी के मंत्रों के बीच में ही पंडित को रोक कर बार बार उठ कर गुटखा थूकने जा रहा था। उसकी गुटके की इस अमल को देख सारे लड़की के परिवार वाले और शादी करवाने वाले पंडित परेशान हो रहे थे, लेकिन दूल्हे साहब के लिए शादी से ज्यादा जरूरी गुटखे का पैकेट था।
उसकी इस हरकत से परेशान दुल्हन के पिता ने दूल्हे से कहा, बेटा एक बार विवाह हो जाये फिर आप गुटखा खा लेना। फिर क्या था, दूल्हे का ईगो हर्ट हो गया और उसने अभद्रता करनी शुरू कर दी। सबके समझाने के बाद भी वो नहीं माना और जब उसने अपने जेब से नई पुड़िया निकाल के जेसे ही फाड़ी उसी वक़्त दुल्हन मंडप से उठ गई और कहा कि जो इंसान मेरे परिवार की इज़्ज़त न करे और इतना नशे का आदी हो मुझे उससे शादी नहीं करनी।
बारातियों को भोजन कराने के बाद उन्हें बिना दुल्हन के विदा करने लगे। बारातियों और दूल्हे ने लड़कीवालों से काफी माफ़ी मांगते रहे मगर वो नहीं माने और उन्हें बीच शादी से ही लौटा दिया। दुल्हन के इस साहस को देख सब दंग रह गए और काफी तारीेफ़ भी की।