नोटबंदी को लेकर ममता और केजरीवाल ने मोदी सरकार पर किया हमला, कहा, “इमरजेंसी से भी ख़राब माहौल”

शिखा पाण्डेय,

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके सपोर्ट में उतरे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि सरकार तीन दिनों के भीतर नोट बंदी का फैसला वापस ले, वरना परिणाम अच्छे नहीं होंगे। ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी को तानाशाही के माध्यम से देश नहीं चलाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह ऐसा संकट जो आपातकाल में भी नजर नहीं आया। वहीं केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि विमुद्रीकरण स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला है।

आजादपुर में एशिया की सबसे बड़ी सब्जी एवं फल मंडी में व्यापारियों को संबोधित करते हुए केजरीवाल और ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री पर कालाधन निकालने के नाम पर आम आदमी पर मुश्किलों का पहाड़ तोड़ने का आरोप लगाया। दोनों नेताओं ने बाद में संसद मार्ग पर भारतीय रिजर्व बैंक के बाहर प्रदर्शन किया एवं मांग की कि केंद्रीय बैंक उन्हें नोटों की उपलब्धता के बारे में बताए।

गरीब और किसानों को सरकार न करे परेशान-

अपने संबोधन में ममता बनर्जी ने सरकार से नोटबंदी तीन दिनों में वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा, “हम कालेधन के खिलाफ संघर्ष का समर्थन करते हैं, लेकिन गरीब और वंचित लोग परेशान नहीं होने चाहिए। हम चुप नहीं रहेंगे और यदि तीन दिन में ऐसा नहीं किया जाता है तो देशवासी आपको नहीं बख्शेंगे।” ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को चुनौती दी, ” यदि आपमें साहस है तो मुझे जेल में डाल दीजिए, मुझे गोली मार दीजिए।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, “यह फैसला देश को 100 साल पीछे ले जा सकता है। सरकार हर रोज एक फैसले के साथ सामने आती है। परसों कहा गया था कि नोट बदलने की सीमा 4500 होगी और आज आप कहते हें कि यह 2000 रुपए है।”

ममता ने कहा कि भारत में महज चार फीसदी विनिमय के लिए कार्ड का उपयोग करते हैं, और सरकार प्लास्टिक मनी की बात करती है। उन्होंने कहा, ” कैश निकालने वालो की अंगुलियों पर स्याही लगायी जाएगी। यह चल क्या रहा है? क्या हम नौकर हैं, क्या हम चोर हैं और आप ईमानदार? ” कालेधन पर रोक पर सरकार की कटिबद्धता पर सवाल खड़ा करते हुए उन्होंने पूछा कि विदेशों में रखे गए कालेधन को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए गए।

वहीं केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, “सरकार ने तीन दिन में नोटबंदी का फैसला वापस नहीं लिया तो बगावत होगी। मोदीजी ने विजय माल्या को एक ही रात में लंदन भेज दिया, जिन पर बड़ा उधार है। उन्होंने लोगों को सड़कों पर ला दिया, जो घंटों लाइन में खड़े हैं।” उन्होंने कहा, “कालाधन बाजार में फिर बड़ी मात्रा में आ गया है। कुछ लोगों को घर तक नोट पहुंचाये जा रहे हैं। यह स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। सरकार लोगों को अपना धन बैंकों में जमा करने के लिए बाध्य कर, उनसे 10 लाख करोड़ रूपए जमा करने और इस धनराशि का उपयोग मोदी के मित्रों का ऋण माफ करने के लिए करना चाहती है।”

राष्ट्रभक्ति की दुहाई देकर जनता को मूर्ख न बनाएं पीएम मोदी-

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सीमापार लक्षित हमले के अलावा स्वच्छ भारत और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसे मोदी की कई पहलों का खुले दिल से समर्थन किया। यदि यह कालेधन के खिलाफ वाकई संघर्ष होता, तो वह और उनकी पार्टी अग्रिम मोर्चे पर होते। उन्होंने कहा, “लोग ठगे जा रहे हैं। आईटी ने पूर्व भाजपा मंत्री जी जर्नादन रेड्डी पर छापा क्यों नहीं मारा, जिन्होंने अपनी बेटी की शादी पर 500 करोड़ रुपए खर्च किए और वे चाहते हैं कि हम आम लोग शादी पर ढाई लाख रुपए ही खर्च करें।”

केजरीवाल ने कहा, “मोदीजी, लाइन में खड़ा रहने को राष्ट्रभक्ति कहकर लोगों को बेवकूफ मत बनाइए। लाइनों में खड़ा रहकर हुई 40 लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है?” दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मोदी पर गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के सिलसिले में भी कुछ आरोप लगाए और दावा किया कि वित्त मंत्रालय में शीर्ष स्तर पर बैठे किसी व्यक्ति द्वारा उन्हें प्रदत्त दस्तावेजों पर उनके आरोप आधारित हैं।

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