मैं सीएम बनाना चाहती हूँ ताकि मणिपुर में बदलाव ला सकूं-इरोम शर्मिला

शिखा पाण्डेय

अंततः लौह महिला इरोम शर्मिला ने आज AFSPA के खिलाफ अपनी 16 साल लंबी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। 44 वर्षीय शर्मिला को आज न्यायिक मेजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और स्थानीय अदालत में उन्होंने अपना अनशन खत्म किया। अनशन तोड़ते ही उन्हें न्यायिक हिरासत से रिहा कर दिया गया।

रिहा होने के बाद इरोम ने कहा,” मेरी  शिक्षा बहुत कम है लेकिन मैं सकारात्मक बदलाव के लिए काम करूंगी। मणिपुर में बदलाव लाने के लिए मैं मणिपुर की सीएम बनना चाहती हूं। मेरा पहला काम होगा  AFPSA को हटाना।  मैं अपनी मां को भी तभी देखूंगी जब मुझे मेरी लड़ाई में सफलता मिलेगी। मुझे किसी तरह की सुरक्षा भी नहीं चाहिए।” उन्होंने बताया कि वह विवाह करने जा रही हैं।

गौरतलब है कि इरोम द्वारा शादी करने व राजनीति में आने की इच्छा ज़ाहिर करने के बाद एक संगठन ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी थी। इससे पहले उन्होंने कहा था कि वह नौ अगस्त को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर देंगी और मणिपुर में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगी।

आपको यह भी याद दिला दें कि 5 नवंबर 2000 वो आखिरी दिन था जब इरोम ने भोजन किया था। इंफाल के मालोम गांव में 10 लोगों के मारे जाने के बाद इरोम ने तब तक खाना न खाने की कसम खाई थी जब तक कि ये कानून खत्म नहीं कर दिया जाता।

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