शिखा पाण्डेय,
रियो ओलंपिक में भले ही भारतीय रेसलर योगेश्वर दत्त कोई खास कमाल न दिखा पाये हों, लेकिन लंदन ओलंपिक से जुड़ी एक बेहद अहम खुशखबरी उन्हें और पूरे देश को आज मिली है। 2012 के लंदन ओलंपिक में 60 किग्रा भार वर्ग में भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त को मिला कांस्य पदक अब रजत में बदल गया है।
यह सुनकर आप भले ही चौंक गए हों पर दत्त का यह ब्रॉन्ज़ मैडल सिल्वर में तब बदल गया जब सिल्वर मैडल जीतनेवाले रूस के दिवंगत बेसिक कुडुखोक को डोप टेस्ट में नाकाम पाया गया और उनका पदक उन्हें गंवाना पड़ा।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति खिलाड़ियों के सैंपल को दस साल के लिए स्टोर रखती है ताकि जरूरत पड़ने पर एडवांस टेस्टिंग की जा सके। रूसी एजेंसी फ्लोरेसलिंग डाट ओआरजी के मुताबिक इसी एडवांस्ड टेस्टिंग के दौरान रूस के चार बार के विश्व चैम्पियन और दो बार के ओलंपिक पदक विजेता बेसिक कुदुखोव का डोप टेस्ट पॉजीटिव पाया गया है। आपको यह भी बता दें कि कुडुखोव की 2013 में रूस में एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी।
योगेश्वर ने ट्वीट किया, “मुझे आज सुबह ही यह खुशखबरी मालूम हुई। मैं यह पदक देशवासियों को समर्पित करता हूं।” गौरतलब है कि लंदन ओलंपिक में योगेश्वर का मुकाबला रूसी पहलवान बेसिक कुदुखोव से हुआ था, जिसमें बेसिक कुदुखोव ने योगेश्वर को हारा कर सिल्वर मेडल अपने नाम किया था और योगेश्वर को ब्रॉन्ज मेडल से संतुष्ट होना पड़ा था।
योगेश्वर ने लंदन ओलंपिक 2012 में पुरूषों के 60 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीता था। योगेश्वर लंदन में कुडुखोव से प्री क्वार्टर फाइनल में हार गए थे लेकिन रूसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के बाद उन्हें रेपेचेज खेलने का मौका मिला जिसमें उन्होंने कांस्य पदक जीता था।