शिखा पाण्डेय
समाजवादी पार्टी अनेकों तरह से जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने और अपने वोट बैंक में इज़ाफ़ा करने में जुटी पड़ी है। इसी के तहत आज सपा की रजत जयंती समारोह में कई सियासी बयानबाजियां देखने को मिलीं। साथ ही इस समारोह से महागठबंधन बनाने की भी कोशिशें भी साफ़ भांपी जा सकती थीं। लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजीत सिंह के अलावा कई अन्य दलों के भी बड़े नेता मंच पर मौजूद थे।
‘चाचा-भतीजा’ के बीच के मनमुटाव को दूर करने के उद्देश्य से लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल यादव को गले मिलाने की कोशिश की, तो अखिलेश यादव ने बढ़ के चाचा शिवपाल के पैर छू लिए। इसके बाद तो शिवपाल यादव जैसे भावुक हो गए। शिवपाल ने अखिलेश की तारीफ की और कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बहुत विकास हुआ है।
चाचा शिवपाल बोले,” मुझे सीएम नहीं बनना है।” उन्होंने कहा कि अखिलेश खून भी मांगेंगे तो दे दूंगा। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश जहां खड़ा है और उत्तर प्रदेश में पार्टी जहां खड़ी है, वह नेताजी के प्रयासों का परिणाम है। शिवपाल ने कहा,” मैं खुद अपमान सह लूंगा लेकिन नेताजी का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं करूंगा।” उन्होंने कार्यकर्ताओं से मिल जुलकर चुनाव में जुट जाने का आह्वान किया।