शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) से राष्ट्रीय जनता दल(राजद) , राजद से फिर जदयू , फिर जदयू से निष्कासन के बाद राजनीति से सन्यास लेने वाले शिवानंद तिवारी अब एक बार फिर सक्रीय राजनीति का हिस्सा बन गए हैं। अब दोबारा वे राजद का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण हिस्सा बनकर सामने आये हैं। जी हाँ ! राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने शिवानंद तिवारी को अपनी पार्टी का नया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है।
कौन हैं शिवानंद तिवारी ?
शिवानंद तिवारी बिहार के बड़े नेता स्वर्गीय रामानंद तिवारी के बेटे हैं। जदयू व राजद , दोनों ही पार्टियों में तिवारी का सम्मान होता रहा है। रामानंद तिवारी की छत्र छाया में ही लालू-नीतीश सरीखे नेताओं ने राजनीति की एबीसी सीखी थी. इसलिए शिवानंद तिवारी लालू यादव और नीतीश कुमार के गुरुभाई भी कहलाते हैं। इस वक्त उनके बेटे राहुल तिवारी राजद से विधायक हैं।
शिवानंद तिवारी पहली बार 1997 में समता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उसके बाद वे लालू की पार्टी मे शामिल हो गए और उन्हें राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री बनाया गया था। कुछ दिनों के बाद शिवानंद तिवारी दोबारा जेडीयू में शामिल हुए और नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यसभा भेजा और पार्टी का प्रवक्ता भी बनाया था।
हाल के दिनों में महागठबंधन टूटने के बाद से शिवानंद तिवारी काफी सक्रिय हो गए थे। उन्होंने लालू यादव का पक्ष लिया था और नीतीश कुमार की जमकर आलोचना की थी। शिवानंद तिवारी इससे पहले जदयू से राज्यसभा सांसद थे लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले जदयू ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था। उस वक्त भी शिवानंद तिवारी ने पार्टी में रहते हुए नीतीश कुमार का विरोध किया था। उन्होंने नीतीश को खुली चुनौती भी दी थी। उन्होंने कहा था कि नीतीश का भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस एक मात्र ढोंग है। उनका कहना है कि अगर भेद खुला तो गड़े मुर्दे उखड़ेंगे और उनकी पोल खुल जाएगी।